सौरबाजार . हिन्दू समुदाय के लोगों को मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए सहरसा जिला के बैजनाथपुर में बनाए गये मुक्तिधाम को चालू कराने की मांग यहां के स्थानीय लोगों द्वारा लंबे समय से की जा रही है. बैजनाथपुर में तिलावे नदी के किनारे बने इस मुक्तिधाम का निर्माण लगभग 10 वर्ष पहले करवाया गया था. जो अबतक चालू नहीं हो पाया है. चालू होने से पहले यह खंडहर में तब्दील हो गया है. जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों को मृत्यु के बाद दफनाने के लिए लगभग हर पंचायत और गांव में प्रशासन द्वारा कब्रगाह बनवाया गया है. उसकी चहारदीवारी भी करवाई गयी है. जहां उस समुदाय के लोग अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनके शव को दफनाते हैं. लेकिन हिन्दू समुदाय के लोगों की मृत्यु के बाद उनके शव को अंतिम संस्कार करने के लिए कहीं कोई सार्वजनिक श्मशान घाट नहीं है. जिसके कारण इस समुदाय के लोग अपने परिजनों की मृत्यु होने पर अपने जमीन में अंतिम संस्कार करते हैं. ऐसे में जिनके पास उस तरह का जमीन नहीं है, उन्हें अपने मृतक परिजनों का अंतिम संस्कार करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है खासकर महादलित समाज के लोग को इस तरह की परेशानियां ज्यादा आती है. साथ हीं खुले में या नदी किनारे शव जलाने से वायु, मिट्टी और जल प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न होती है. ऐसे में यदि इस मुक्तिधाम को चालू कर दिया जाये तो लोगों को यहां बिजली द्वारा अपने परिजनों के शव का अंतिम संस्कार करने में बहुत ही सहुलियत होगी और प्रदूषण का खतरा भी कम होगा. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से बैजनाथपुर में तिलावे नदी किनारे बने इस मुक्तिधाम को चालू कराने की मांग की है.
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