Afghanistan Our Number One Enemy: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते अक्सर टकराव और सस्पेंस की कहानियों से भरे रहे हैं. अब पाकिस्तान ने इस कहानी में एक नया मोड़ जोड़ दिया है. सीएनएन-न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने नेशनल असेंबली में कड़ा संदेश देते हुए अफगानिस्तान को अपने देश का “नंबर एक दुश्मन” घोषित कर दिया. उनका कहना है कि अब पाकिस्तान अफगान धरती से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.
शरणार्थियों के नाम पर नाराजगी
आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने वर्षों तक लाखों अफगानों को रहने की अनुमति देकर “बहुत ज्यादा दयालुता” दिखाई, लेकिन इस उदारता का बदला विश्वासघात से चुकाया गया. उनके अनुसार, कई अफगान पाकिस्तान में रहते हुए व्यवसाय चला रहे हैं और कुछ अफगान तालिबान के सदस्य, जिनके परिवार पाकिस्तान में हैं, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे समूहों की मदद कर रहे हैं.
मंत्री ने अफगान निवासियों पर पाकिस्तान के प्रति वफादारी न दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि सफल जीवन और व्यवसाय बनाने के बावजूद वे “पाकिस्तान जिंदाबाद” नहीं कहते. खासतौर पर बिना कानूनी दस्तावेज वाले लोगों को उन्होंने देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों का जिम्मेदार बताया. उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सीमा पार आतंकवाद में तेजी आई है.
Afghanistan Our Number One Enemy: अफगानिस्तान की धरती का पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल
ख्वाजा आसिफ ने बताया कि पाकिस्तान ने तीन साल पहले काबुल की अपनी यात्रा में अफगान तालिबान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की थी, लेकिन अफगान अधिकारियों की प्रतिक्रिया अस्पष्ट और कुछ भी उस मीटिंग से नहीं निकला. उनका कहना है कि पाकिस्तान ने अफगान अधिकारियों को चेताया था कि उनकी जमीन पर लगभग 6,000–7,000 लोग पाकिस्तान के लिए खतरा हैं.
आसिफ ने यह भी दावा किया कि अफगान अधिकारियों ने इन समूहों को पश्चिमी अफगानिस्तान में ले जाने के लिए पैसे का सुझाव दिया था. उन्होंने तालिबान को चेतावनी दी कि पाकिस्तान का धैर्य ख्तम हो रहा है क्योंकि आतंकवादी अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करके पाकिस्तान पर हमला कर रहे हैं.
अब पाकिस्तान का संदेश साफ- कार्रवाई ही विकल्प
नेशनल असेंबली में आसिफ ने साफ कहा है कि बस, बहुत हो गया.” डॉन के हवाले से उनके अनुसार, पाकिस्तान अब उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगा जो आतंकवादियों को छुपाते हैं या उनकी मदद करते हैं, चाहे वे पाकिस्तान में हों या अफगानिस्तान में.
मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तत्काल कूटनीतिक कार्रवाई करेगा. उनका सुझाव है कि जल्द ही वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल काबुल भेजा जाए ताकि अफगान प्रशासन से अपने क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा सके.
डूरंड रेखा पर तनाव
आसिफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब डूरंड रेखा पर तनाव बढ़ रहा है, और दोनों देशों ने कथित तौर पर गोलीबारी और हवाई हमले किए हैं. पाकिस्तान अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की नई दिल्ली यात्रा से भी नाराज है, जिसे वह कूटनीतिक झटका और तालिबान पर प्रभाव खोने का संकेत मानता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सख्त रवैया अक्टूबर 2023 में शुरू हुए पाकिस्तान के चल रहे निर्वासन अभियान की पृष्ठभूमि को दर्शाता है. प्रशासन का कहना है कि बिना कानूनी कागजात वाले सभी विदेशियों को वापस भेजना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, क्योंकि अवैध निवासियों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे से जोड़ा गया है.
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