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अब गांव के बच्चे भी सीखेगें थियेटर का गुर

संत वियानी विद्यालय में 20 दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का शुभारंभ पूर्णिया. संस्कृति मंत्रालय हिंदुस्तान प्रशासन के सौजन्य से सांस्कृतिक आंचल मोहना टोल, रंगपुरा द्वारा संत वियानी विद्यालय सतमी में 20 दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया. उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राष्ट्रीय नाटय विद्यालय नई दिल्ली से प्रतिष्ठा प्राप्त मिथलेश राय, संत वियानी विद्यालय के प्राचार्य पतरस हांसदा, शकुंतला सेवा सदन की सचिव अवधेश कुमार गुप्ता, सांस्कृतिक आंचल के अध्यक्ष नवीन कुमार, कार्यशाला निर्देशक रामाशंकर स्वर्णकार,वरिष्ठ रंगकर्मी शशिकांत कुमार ने संयुक्त रूप से किया. मंच संचालन संत बियानी विद्यालय के प्राचार्य पतरस हांसदा ने किया. सचिव श्री…

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संत वियानी विद्यालय में 20 दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का शुभारंभ पूर्णिया. संस्कृति मंत्रालय हिंदुस्तान प्रशासन के सौजन्य से सांस्कृतिक आंचल मोहना टोल, रंगपुरा द्वारा संत वियानी विद्यालय सतमी में 20 दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया. उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राष्ट्रीय नाटय विद्यालय नई दिल्ली से प्रतिष्ठा प्राप्त मिथलेश राय, संत वियानी विद्यालय के प्राचार्य पतरस हांसदा, शकुंतला सेवा सदन की सचिव अवधेश कुमार गुप्ता, सांस्कृतिक आंचल के अध्यक्ष नवीन कुमार, कार्यशाला निर्देशक रामाशंकर स्वर्णकार,वरिष्ठ रंगकर्मी शशिकांत कुमार ने संयुक्त रूप से किया. मंच संचालन संत बियानी विद्यालय के प्राचार्य पतरस हांसदा ने किया. सचिव श्री गुप्ता ने बच्चों में अपनी छुपी हुई प्रतिभा को जागृत करने के लिए प्रेरित किया. सांस्कृतिक आंचल के अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि 20 दिवसीय थिएटर वर्क शॉप 10 मार्च तक चलेगा. वर्क शॉप में बच्चों को नाट्य कला, गायन कला, नृत्य कला, संवाद कला आदि का अलग-अलग योग्य प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के उपरांत सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा एवं चयनित कलाकारों द्वारा नाट्य मंचन करवाया जाएगा. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से प्रतिष्ठा प्राप्त एवं राष्ट्रपति सम्मान से पुरस्कृत मिथिलेश राय द्वारा उपस्थित बच्चों को कला के प्रति उत्साहित करते हुए कहा की बड़े-बड़े शहरों में तो नाटक का मंचन होता है लेकिन गांव के लोग कला के प्रति जागृत नहीं होते हैं. जबकि उनमें कला और प्रतिभा छिपी हुई होती है. ऐसे में गांव में इस प्रकार के आयोजन से हमारे ग्रामीण संस्कृति को एवं ग्रामीण कलाकारों को अपनी प्रतिभा बिखरने का अवसर मिलेगा. उन्होंने अध्यनरत बच्चों को नाट्य कला से जुड़ने एवं अपने देश अपने राज्य का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया. प्रशिक्षक रामाशंकर स्वर्णकार, संत वियानी विद्यालय के शिक्षिका जोसेफा मुर्मू, शिक्षक सत्यम कुमार एवं अखिलेश सोरेन ने बच्चों को संबोधित किया.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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