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अब भी यकीन नहीं हो रहा कि जिंदा हूं

कोलकाता. ओडिशा से गर्मी की छुट्टियां बिताने कोलकाता आये आकाश अग्रवाल को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि वे अपने परिवार के साथ जिंदा हैं. मंगलवार रात को रितुराज होटल में लगी भयावह आग के बाद से वह पूरी तरह से सहम गये हैं. आकाश कहते हैं कि गर्मी की छुट्टियां होने के कारण वह ओडिशा से परिवार के साथ कोलकाता आकर रितुराज होटल की चौथी मंजिल पर स्थित कमरे में ठहरे थे. यहां आने के बाद पहले पूरे परिवार ने आइपीएल मैच देखा. इसके बाद अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करने के बाद मंगलवार रात को आठ…

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कोलकाता. ओडिशा से गर्मी की छुट्टियां बिताने कोलकाता आये आकाश अग्रवाल को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि वे अपने परिवार के साथ जिंदा हैं. मंगलवार रात को रितुराज होटल में लगी भयावह आग के बाद से वह पूरी तरह से सहम गये हैं. आकाश कहते हैं कि गर्मी की छुट्टियां होने के कारण वह ओडिशा से परिवार के साथ कोलकाता आकर रितुराज होटल की चौथी मंजिल पर स्थित कमरे में ठहरे थे. यहां आने के बाद पहले पूरे परिवार ने आइपीएल मैच देखा. इसके बाद अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करने के बाद मंगलवार रात को आठ बजे वह होटल से चेक आउट करने वाले थे. परिवार के दो सदस्य कमरे से रिशेप्शन में आकर बैठे थे. आकाश ने बताया : होटल के कमरे में दो बैग पड़े थे. उन्हें लाने मैं चौथी मंजिल पर गया था. बैग लेकर कमरा खाली कर ही रहा था कि इतने में रिशेप्शन में बैठे अन्य सदस्यों ने उन्हें फोन कर पहली मंजिल पर आग लगने की सूचना दी. पूरे होटल में धुआं इस कदर फैल गया था कि एक पल सांस नहीं ले पाने की स्थिति आ गयी थी.

परिवार के सदस्यों को कार्निस में ले जाकर किसी तरह से खड़े किये और उन्हें बाहर खुली हवा में किसी तरह से सांस लेने को कहा. वहीं, जेब से मोबाइल फोन निकाल कर उसकी लाइट जलाकर नीचे लोगों से व दमकलकर्मियों से जान बचाने की गुहार लगायी. लगभग 15 मिनट के बाद स्थानीय लोगों के साथ दमकलकर्मियों ने उन्हें चौथी मंजिल के कार्निस से किसी तरह दमकल की सीढ़ियों की मदद से नीचे उतारा. नीचे खड़े परिवार के बाकी सदस्यों ने उन्हें सकुशल देखकर राहत की सांस ली. उस मंजर को याद कर अग्रवाल परिवार के सदस्य अब भी सिहर उठते हैं.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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