World First Self Flying AI Fighter Jet: युद्ध का नक्शा अब बदल रहा है. आजकल सिर्फ गोला‑बारूद या सैनिकों से नहीं, बल्कि हाई‑टेक हथियारों और एआई से भी युद्ध तय होता है. आपने ड्रोन्स और उन्नत लड़ाकू विमानों के बारे में सुना होगा, लेकिन सोचिए अगर जेट उड़ाने के लिए इंसान की जरूरत ही न रहे और वह अपने दम पर मिशन पूरा कर सके? यह कोई फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है. जर्मनी (बवेरिया) में पेश हुआ CA‑1 यूरोपा एक ऐसा लड़ाकू जेट जो पूरी तरह एआई के दम पर उड़ सकता है और अपने लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है.
World First Self Flying AI Fighter Jet: सेल्फ‑फ्लाइंग एआई फाइटर जेट क्या है?
CA‑1 यूरोपा एक प्रोटोटाइप लड़ाकू विमान है जिसे हेलसिंग कंपनी ने विकसित किया है. यह जेट पायलट के बिना उड़ सकता है और मिशन के दौरान खुद ही फैसले ले सकता है. इसकी गति ध्वनि की गति से थोड़ी कम है और इसका उद्देश्य यूरोप को हवाई युद्ध में तकनीकी आत्मनिर्भर बनाना है.
एआई कैसे काम करता है?
हेलसिंग ने अपने जेट में सैटौर/सेंटौर एआई नामक ऑटोनॉमस पायलट लगाया है. यह एआई 3‑5 टन वर्ग के जेट को अकेले या ड्रोन के समूह के साथ उड़ाने में सक्षम है. मिशन के दौरान यह खुद रास्ता तय कर सकता है, लक्ष्य पहचान सकता है और हमला करने या लौटने का फैसला खुद ले सकता है. हेलसिंग के अनुसार इसे कम लागत में बड़ी संख्या में तैनात किया जा सकता है.
CA‑1 यूरोपा की खासियत
पूरी तरह मानवरहित ऑपरेशन है यानि कि पायलट की जरूरत नहीं. पारंपरिक लड़ाकू विमानों की तुलना में कम लागत. अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर निर्भरता कम करने का कदम. विकास परीक्षण ग्रोब एयरक्राफ्ट में जारी है. हेलसिंग के सह‑संस्थापक टॉर्स्टन रील कहते हैं कि मानवरहित लड़ाकू विमान हवाई नियंत्रण स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, एक ऐसी चुनौती जिसमें यूरोप पीछे नहीं रह सकता. यह दिखाता है कि यूरोप केवल टेक्नोलॉजी दिखाने के लिए नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से हावी होने के लिए इस कदम को उठा रहा है.
ये जेट जितने रोमांचक हैं, उतनी ही नई चुनौतियां भी लेकर आते हैं. गलत फैसलों का खतरा भी है. क्या मशीनें खुद “हिट” करने का फैसला कर लेंगी? तकनीक भी गलतियां कर सकती है. दूसरे देशों की प्रतिक्रिया यह हो सकती है कि इस क्षेत्र में हथियारों की होड़ तेज हो जाएगी.
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