संवाददाता, पटना राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में बहाली के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं मिल रहे हैं. इनकी बहाली के लिए बीपीएससी द्वारा 74 सीटों के लिए अप्रैल में निकाले गये विज्ञापन में मात्र दो चिकित्सकों ने ही आवेदन किया था. उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण बीपीएससी द्वारा 19 जून को दोबारा विज्ञापन निकाला गया है. अब यह प्रक्रिया लगभग ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है. वहीं जानकारों का कहना है कि बीपीएससी द्वारा निकाले गए विज्ञापन में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट्स के पास तीन साल के अनुभव की शर्त असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में बड़ी बाधा बन रही है. नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा हर मेडिकल काॅलेज में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की अनिवार्यता कर दी गयी है. इसके कारण इमरजेंसी मेडिसिन विषय में असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली निकाली गयी है. ज्ञात हो कि बिहार के किसी भी मेडिकल कॉलेज में इस विषय में पीजी की पढ़ाई अभी तक उपलब्ध नहीं है. आइजीआइएमएस में भी अभी सिर्फ डीएम कोर्स की पढ़ाई होती है. इस कारण इस विषय के तीन साल पूर्ण किये हुए सीनियर रेजिडेंट राज्य में नहीं हैं. दो वर्ष पहले 2023 में मेडिकल कॉलेजों में इस विभाग की स्थापना के उद्देश्य से पहली बार 45 चिकित्सकों को सीनियर रेजिडेंट्स के तौर पर नियुक्त किया गया था. ऐसे चिकित्सकों ने इमरजेंसी मेडिसिन के कार्य अनुभव के साथ-साथ पूर्व में किये गये ऑर्थो, मेडिसिन व सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंसी को योग्यता में शामिल करने के लिए बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है.
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