बनमा ईटहरी. प्रखंड क्षेत्र में बीते दिनों तेज हवा से हुई मक्का फसल के नुकसान को लेकर बीएओ पर गलत जांच का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. इससे किसानों में आक्रोश पनपने लगा है. बुधवार को सहुरिया पंचायत के तरहा गांव में आक्रोशित किसानों ने खेत में प्रदर्शन कर फसल क्षति मुआवजा की मांग जिलाधिकारी से की है. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि बीएओ हरेराम सिंह के द्वारा बगैर किसानों की भूमि की जांच किए प्रखंड क्षेत्र में फसल क्षति का आकलन शून्य कर किसानों पर कहर बरपा दिया है. इस क्षेत्र के किसान अब खेती करने लायक नहीं रहा है. लेकिन बीइओ ने हवाई सर्वेक्षण कर गलत रिपोर्ट कर किसानों के साथ बेईमानी की है. वैसे तो इन पदाधिकारी को यहां के किसान पहचानते तक नहीं है, क्योंकि कृषि पदाधिकारी महीने में एक दिन भी नहीं आते हैं. लेकिन जांच रिपोर्ट घर बैठे जिला को समर्पित कर देते हैं. ऐसे पदाधिकारी को निलंबित करते हुए किसानों को स्थलीय जांच कर उचित मुआवजा दिया जाये. प्रदर्शनकारी किसान योगेंद्र भगत, शंभु भगत, सत्तो साह, गुलशन कुमार, धीरेंद्र भगत, दिलीप भगत, फुलटुन भगत, सजन मेहता, मंटुन मेहता, आशीष भगत, सुरेश पंडित, संतोष पंडित, दीपनारायण पंडित, रामदेव पंडित, सेंटू पंडित, प्रभु भगत, अभय कुमार कुशवाहा, अभय कुमार ऊर्फ रेंटू मेहता, रंजन कुमार मेहता, रोशन कुमार, मो सत्तार आलम, मो इबरान आलम, जनक साह, कुंदन भगत, मो मुस्तकीम आलम, महेश भगत, ललित साह, फोचो मेहता, मंतोष ठाकुर, रामबालक मेहता, उमेश मेहता, सुनील मेहता, रंजीत भगत, संतोष ठाकुर, रविंद्र ठाकुर, झालो चौधरी, मिथिलेश ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि हमारे क्षेत्र की मुख्य फसल मक्का है. जिस पर सालों भर निर्भर रहना पड़ता है. मौसम की बेरुखी ने तो हमलोगों की कमर तोड़ दी, लेकिन जो बची खुची आशा प्रशासन से थी, वह भी कृषि पदाधिकारी ने किसानों के साथ दोहरी नीति अपनाते हुए गलत जांच समर्पित कर खत्म कर दिया है.
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