इटावा जिले में एक धार्मिक कथावाचक के साथ कथित तौर पर मारपीट मामले में अब आरजेडी की भी एंट्री हो गई है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले पर बुधवार को कहा कि कथा कहने का हक सभी को है. उन्होंने बीजेपी प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में जो लोग आज काबिज हैं, वे गोडसे के पुजारी हैं. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो वे ‘गोडसे मुर्दाबाद’ बोलकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कथावाचकों के साथ किस तरह से भेदभाव किया जा रहा है, यह सब लोग देख रहे हैं. कथा कहने का हक सभी को है.
क्या पिछड़ा, अतिपिछड़ा कथावाचक नहीं बन सकता?
उन्होंने कहा, “भाजपा के लोगों को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या पिछड़ा, अतिपिछड़ा कथावाचक नहीं बन सकते? क्या दलित किसी मंदिर का पुजारी नहीं बन सकता? क्या हम लोग हिंदू नहीं हैं कि भगवान की कथा को लोगों के बीच में पेश करें?”
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क्या है पूरी घटना?
बता दें कि यूपी के इटावा जिले के एक गांव में 21 जून को एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था. आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई. आरोप लगाया गया कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताकर कथा का आयोजन किया, जबकि वे अन्य जाति से हैं. इसी विवाद ने तूल पकड़ा और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
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