Virat Kohli’s 14-year Test Cricket Journey Unfolded: विराट कोहली ने आखिरकार अपनी जिद ही पूरी की. तमाम मान मनौव्वल के बाद भी जैसा एटिट्यूड उन्होंने मैदान पर दिखाया वैसा अंत तक दिखाया और आखिरकार टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले ही लिया. विराट ने 12 मई को अपने 14 साले के कैरियर का अंत कर दिया. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास (Virat Kohli Retirement) की घोषणा करते हुए इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट साझा किया. उन्होंने लिखा कि यह 14 साल की एक अविश्वसनीय यात्रा रही जिसने उन्हें परखा, गढ़ा और जीवन भर के सबक दिए. सफेद जर्सी पहनना उनके लिए हमेशा बेहद निजी अनुभव रहा. कोहली ने कहा कि वह पूरे दिल से इस फॉर्मेट को अलविदा कह रहे हैं और इसकी यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी. इस शानदार यात्रा के साथ उन्होंने अपनी कैप संख्या 269 को भी रिटायर घोषित कर दिया. अब जब लीजेंड विराट ने संन्यास ले लिया है, तो ऐसे में आइये नजर डालते हैं, उनके शानदार कैरियर पर.
36 वर्षीय विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में कुल 123 मैच स्पोर्ट्से, जिनमें उन्होंने 210 पारियों में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए. इसमें उनके नाम 30 शतक और 31 अर्धशतक दर्ज हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 254* रहा. इस फॉर्मेट में वह हिंदुस्तान के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. उनसे आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर (15,921 रन), राहुल द्रविड़ (13,265 रन) और सुनील गावस्कर (10,122 रन) हैं.
विराट ने अपना टेस्ट डेब्यू जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था. हालांकि उनका पहला दौरा बेहद निराशाजनक रहा और वे पांच पारियों में सिर्फ 76 रन ही बना पाए. लेकिन जल्द ही उन्होंने आक्रामक और साहसी पारियों के ज़रिए खुद को साबित किया. उनके टेस्ट करियर की असली शुरुआत 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले शतक (213 गेंदों में 116 रन) के साथ हुई. उस दौरे पर जब हिंदुस्तान के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए, तब विराट ने चार टेस्ट में 300 रन बनाकर हिंदुस्तान की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाए.
2011 से 2015 के बीच उन्होंने 41 टेस्ट में 2,994 रन बनाए, जिसमें 11 शतक और 12 अर्धशतक शामिल थे. उनका औसत इस दौरान 44.03 रहा. 2016 से 2019 का समय विराट कोहली के टेस्ट करियर का स्वर्णकाल माना जाता है. इन चार वर्षों में उन्होंने 43 टेस्ट में 4,208 रन बनाए, औसत रहा 66.79. इस दौर में उन्होंने 16 शतक और 10 अर्धशतक जमाए और 254* उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. इस दौरान विराट ने 7 दोहरे शतक भी लगाए, जो किसी भी टेस्ट कप्तान द्वारा सर्वाधिक है.
हालांकि 2020 के बाद का दशक उनके लिए उतना अच्छा नहीं रहा. उन्होंने इस दौर में 39 टेस्ट में मात्र 2,028 रन बनाए, औसत गिरकर 30.72 रह गया. इनमें सिर्फ तीन शतक और नौ अर्धशतक शामिल थे. हालांकि 2023 उनका एक अच्छा वर्ष रहा, जिसमें उन्होंने 8 टेस्ट में 55.91 की औसत से 671 रन बनाए, जिनमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे.
इन वर्षों के दौरान वे कुछ तकनीकी कमज़ोरियों से भी जूझे, विशेष रूप से ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों और स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ. विराट ने 2024 का साल बेहद खराब अंदाज में खत्म किया. उन्होंने 10 टेस्ट में सिर्फ 382 रन बनाए, औसत रहा महज 22.47, जिसमें सिर्फ एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था. उनका आखिरी टेस्ट दौरा ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी था (नवंबर-जनवरी), जिसमें उन्होंने नौ पारियों में सिर्फ 190 रन बनाए. हालांकि पर्थ टेस्ट में लगाया गया शतक उस दौरे की एकमात्र चमक थी. वह शतक उनका जुलाई 2023 के बाद पहला शतक था, जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में शतक जड़ा था. वहीं, घरेलू जमीन पर उनका आखिरी शतक भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद में 2023 की शुरुआत में आया था.
विराट कोहली का करियर उतार-चढ़ावों, वापसी के किस्सों और हिंदुस्तान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की गाथा रहा है. चाहे 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया में मिशेल जॉनसन की अगुवाई वाली घातक गेंदबाज़ी के खिलाफ चार शतकों के साथ 692 रन ठोकना हो, या फिर इंग्लैंड में 2018 की वापसी यात्रा में 593 रन बनाकर खुद को साबित करना हो विराट ने दुनिया भर के मैदानों में अपने जुनून और कौशल से हिंदुस्तानीय क्रिकेट प्रेमियों को गर्व के कई पल दिए हैं.
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