मामला : मेडिकल कचरे के निष्पादन का : हाइकोर्ट ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जवाब दायर करने का दिया निर्देश -मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी. रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरा के साइंटिफिक निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रशासन का पक्ष सुना. खंडपीठ ने शपथ पत्र में उपायुक्तों द्वारा मेडिकल कचरे के निष्पादन को लेकर जो वक्तव्य दिया गया है, उसकी जांच झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को करने का निर्देश दिया. साथ ही बोर्ड को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने एक सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य प्रशासन की ओर से बताया गया कि सभी उपायुक्तों का जवाब आ गया है. बताया है कि उनके जिले के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरे का सही तरीके से निष्पादन किया जा रहा है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने पैरवी की. पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने 25 फरवरी के आदेश के आलोक में राज्य के सभी उपायुक्तों द्वारा जवाब दायर नहीं होने पर नाराजगी जतायी थी. मौखिक रूप से कहा कि फरवरी माह में ही उपायुक्तों को मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए जिले में की गयी कार्रवाई को लेकर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया था. फरवरी माह में दिये गये निर्देशों का अनुपालन क्यों नहीं किया गया. यदि जवाब दायर नहीं किया गया, तो अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जायेगी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यून राइट्स काॅन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन की मांग की है.
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