आसनसोल.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने कहा कि बार-बार चुनाव के कारण देश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है. दीर्घकालीन योजनाओं के बजाय लघु कालीन योजनाएं लागू होती है. चुनाव जीतना है तो नेतृत्वक दल वोटर को लुभाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाते हैं. आजकल देश में एक नया कल्चर तैयार हुआ है. फ्री में बिजली, फ्री में पानी जैसी फ्री कलचर विकसित हो गयी है. चुनाव जीतने के लिए नेतृत्वक पार्टियां बिना सोचे समझे तरह-तरह की घोषणाएं कर देते हैं. लेकिन उन घोषणाओं को इंप्लीमेंट कैसे किया जाए इसपर विचार नहीं करते हैं. आजकल आम जनता भी नेतृत्वक दलों की समीक्षा और विश्लेषण चुनाव की वर्तमान परिणाम के आधार पर करती है. एक साथ चुनाव कराने में चुनावी खर्च कम होगा और विकास की रफ्तार तेज होगी. अभी हाल ही में ओडिशा में लोकसभा तथा विधानसभा के चुनाव एक साथ किए गए. यह काफी किफायती रहा. हर साल चुनाव होने के कारण देश में न कठोर नीतियां बन पाती है ना लागू हो पाती हैं. देश में बार-बार चुनाव होने के कारण नेतृत्व ज्यादा होती है यदि एक साथ चुनाव होंगे तो नेतृत्व कम विकास ज्यादा होगा. चुनाव के कारण सुरक्षा जवानों तथा शिक्षकों को चुनावी गतिविधियों में भागीदारी करनी पड़ती है. वर्किंग कल्चर समाप्त होता जा रहा है, छुट्टियां बढ़ती जा रही है, मैनपावर का यूटिलाइज ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है. जापान और चीन के तुलना में आना है तो छुट्टियां कम करनी होगी और वर्किंग कल्चर को विकसित करना होगा, इसलिए एक नेशन एक चुनाव वर्तमान स्थिति की मांग है. जिससे देश की विकास की गति तेज होगी.
सोमवार को होटल द ग्रांड में आयोजित सेमिनार को संबोधितकरते हुए श्री बंशल ने उक्त बातें कही. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य, कुल्टी के विधायक डॉ. अजय पोद्दार, भाजपा प्रदेश कमेटी के सदस्य कृष्णेन्दू मुखर्जी, जितेंद्र तिवारी सहित भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और व्यवसायी व समाजसेवी मौजूद थे. सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से एक देश एक चुनाव को लेकर इस सेमिनार का आयोजन किया गया था. श्री बंशल ने जिला में अनेकों जगह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की.
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