रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के एसटी कोटि के अभ्यर्थी की नियुक्ति मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अपील याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले में पक्ष सुना. खंडपीठ ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पूर्व प्रतिवादी मनोज कुमार कच्छप की ओर से अधिवक्ता सब्यसाची ने पैरवी की. याचिका का मुख्य आधार जेपीएससी ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि अभ्यर्थी द्वारा जमा की गयी परीक्षा फीस जेपीएससी के खाते में तकनीकी कारणों से क्रेडिट नहीं हो सकी. उसका स्टेटस फेल हो गया था. एकल पीठ का आदेश एकल पीठ ने रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि मनोज कुमार कच्छप हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार साक्षात्कार दे चुका है और वह उस परीक्षा में अधिकतम अंक लाने वाला भी रहा है. कई परीक्षाओं में एसटी अभ्यर्थियों से परीक्षा फीस नहीं ली जाती है. जेपीएससी को निर्देश एकल पीठ ने जेपीएससी को निर्देश दिया था कि वह चार सप्ताह में प्रार्थी की नियुक्ति की अनुशंसा करे. पृष्ठभूमि जेपीएससी ने जुलाई 2018 में नागपुरी भाषा के असिस्टेंट प्रोफेसर के चार बैकलॉग वेकेंसी के लिए विज्ञापन संख्या (5/2018) निकाला था.
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