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कभी हर घर में सफाई की पहचान था सनलाइट साबुन, आज बाजार से हो गया आउट

Unsuccess Story: सनलाइट साबुन. कपड़ों की सफाई करने वाले इस साबुन का नाम आज ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे. लेकिन, कभी यह साबुन हर घर में कपड़ों की दमदार सफाई की पहचान हुआ करता था. सनलाइट साबुन एक समय हिंदुस्तान के हर घर में कपड़े धोने का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद नाम था. आज हम यह जानेंगे कि आखिर, हिंदुस्तान का यह लोकप्रिय साबुन बाजार से आउट क्यों हो गया? इसकी शुरुआत कब हुई थी और हिंदुस्तान कब आया? आइए, इसके बारे में जानते हैं.

1909 में हिंदुस्तान आया था सनलाइट साबुन

हिंदुस्तान में आम और खास लोगों के बीच कपड़ों की सफाई करने वाले सनलाइट साबुन की शुरुआत साल 1884 में इंग्लैंड में सर विलियम हेस्केथ लिवर और जेम्स डार्सी लिवर ने की थी. इसके करीब 25 साल बाद साल 1909 में यह हिंदुस्तान में परतदार साबुन के रूप में लॉन्च किया गया. यह हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के माध्यम से हिंदुस्तान में पेश किया गया था.

गांवों और शहरों में काफी लोकप्रिय था सनलाइट साबुन

उस दौर में सनलाइट साबुन कोमल कपड़ों और कठोर पानी के लिए उपयुक्त था, जिससे यह हिंदुस्तान के गांवों और शहरी इलाकों में काफी लोकप्रिय हो गया. 20वीं सदी के मध्य तक यह सबसे ज्यादा बिकने वाले लॉन्ड्री साबुनों में शामिल था. 1980-90 के दशक तक बाजार में इसकी अच्छी पकड़ थी, लेकिन आज सनलाइट हिंदुस्तान के मुख्यधारा बाजारों से करीब-करीब पूरी तरह गायब हो चुका है.

बाजार से क्यों आउट हो गया सनलाइट साबुन

हाल के वर्षों में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने सनलाइट साबुन का प्रचार-प्रसार, उत्पादन और बिक्री पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके स्थान पर सर्फ एक्सेल, रिन और व्हील जैसे आधुनिक डिटर्जेंट्स को प्राथमिकता दी गई है. इसके पीछे प्रमुख कारण उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकताएं, वॉशिंग मशीन का बढ़ता चलन और मल्टी-फंक्शनल डिटर्जेंट्स की मांग है. कंपनी की वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में सनलाइट का कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसका मतलब यह है कि अब इसका उत्पादन या तो पूरी तरह से बंद हो गया है या सीमित स्तर पर जारी है. वर्तमान में यह ब्रांड हिंदुस्तान के कुछ हिस्सों में नॉस्टैल्जिक पहचान लिए हुए कभी-कभी दिखाई देता है.

सनलाइट के उत्पादन की कमी का कारण

  • तकनीकी बदलाव: वॉशिंग मशीन और डिटर्जेंट पाउडर की लोकप्रियता ने कपड़े धोने वाले इस पुराने साबुन को बाजार से बाहर कर दिया.
  • उपभोक्ता प्राथमिकता: आधुनिक उपभोक्ता सुगंधित और मल्टी-फंक्शनल डिटर्जेंट्स को प्राथमिकता देते हैं.
  • लागत: साबुन बार के मुकाबले डिटर्जेंट पाउडर का उत्पादन और बिक्री कंपनियों के लिए अधिक लाभदायक साबित होती हैं.

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श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका में अब भी बिकता है सनलाइट साबुन

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने हिंदुस्तान में भले ही बिक्री और उत्पादन बंद कर दिया हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, वियतनाम और त्रिनिदाद में यह अब भी बेचा जाता है. इन देशों में सनलाइट ब्रांड के तहत साबुन, डिटर्जेंट और डिशवॉशिंग लिक्विड की बिक्री की जाती है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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