तालझारी. पर्यावरण दिवस के अवसर पर अर्थ आइडियाज़ फाउंडेशन द्वारा तालझारी प्रखंड के कैरासोल गांव में गुरुवार को विशेष संवाद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में स्थानीय स्त्री कृषक समूहों की सक्रिय भागीदारी रही. कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम की शुरुआत जलवायु परिवर्तन और स्त्रीओं के जीवन पर इसके प्रभावों को लेकर चर्चा से हुई. बताया कि किस प्रकार सूखा, अनियमित बारिश और अत्यधिक गर्मी जैसे जलवायु झटकों से उनकी खेती, पानी की उपलब्धता, स्वास्थ्य और आजीविका प्रभावित हो रही है. इस अवसर पर अर्थ आइडियाज़ फाउंडेशन के सोहन सिंह ने संगठन द्वारा विकसित “सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड लाइवलीहुड मॉडल टू मिटिगेट क्लाइमेट चेंज इम्पैक्ट ” को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया. उन्होंने गांव में निर्मित Loose Boulder Structures (LBS) और Trench cum Bunding (TCB) जैसी जल संरक्षण तकनीकों की जानकारी दी, जो वर्षा जल को रोकने, भूजल पुनर्भरण और मिट्टी कटाव को कम करने में सहायक हैं. साथ ही उन्होंने बहुफसली फलोद्यान (Multi-Fruit Orchard) और वर्मी कम्पोस्ट इकाई जैसे नवाचारों का भी उल्लेख किया, जो टिकाऊ और लाभकारी खेती को बढ़ावा देते हैं. ग्राम प्रधान सैमुअल हेम्ब्रम द्वारा स्त्री किसानों को रसोई बागवानी (किचन गार्डन) को बढ़ावा देने हेतु मौसमी सब्जियों के बीज वितरित किए गए. यह पहल पोषण, आत्मनिर्भरता और घरेलू खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. युवा किसान पॉल मुर्मू ने कहा कि पुरानी ज्ञान और तकनीकों को पुनर्जीवित करना समय की मांग है, क्योंकि ये पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और कम संसाधनों में भी उपयोगी सिद्ध होती हैं. कार्यक्रम में गांव की कई स्त्रीओं ने अपने अनुभव साझा किए.
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