कुंदा़ हर घर नल जल योजना के तहत प्रखंड में 378 जलमीनार लगायी गयी है, जिसमें आधे से अधिक बेकार पड़ी हुई है. गर्मी के इस मौसम में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है. कई गांव के लोग नदी और कुएं के पानी से प्यास बुझा रहे हैं. प्रखंड में 70 प्रतिशत पुराने चापानल में जलमीनार लगा कर खानापूर्ति की गयी है. गर्मी शुरू होते ही चापानल सूख गये, जिसकी वजह से जलमीनार बेकार हो गयी. वहीं कई जगहों पर पाइप लिकेज, स्टार्टर व सबमर्सिबुल खराब होने की वजह से जलापूर्ति ठप है. मांझीपारा गांव निवासी गुरदयाल भुइयां ने बताया कि जलमीनार का लाभ नहीं मिल रहा है. खुटेर गांव के मुकेश भुइयां व इचातु गांव के अशोक यादव ने कहा कि जलमीनार में संवेदक द्वारा अनियमितता बरती गयी है. जैसे-तैसे काम कर छोड़ दिया गया है. कुंदा के मुखिया मनोज साहू ने कहा कि जलमीनार लगाने में गड़बड़ी की गयी है, जिसकी जांच के लिए उपायुक्त को आवेदन दिया गया है. कहा कि पंचायत में खराब पड़े चापानल को दुरुस्त कर पेयजल संकट दूर किया जायेगा.
यहां हैं जलमीनार बेकार
कुंदा, मांझीपारा, सरैडीह, मेदवाडीह, मुस्टंगवा, बैरियाचक, खुटेर, इचातु, बरवाडीह, अखरा, सिकीदाग, कोजरम, हरदियाटांड़, लोटवा, सरजामातु, खपिया, मदारपुर, कुटिल, मरगड़ा, एकता, बौधाडीह, बैलगड़ा, बानाशाम, बेसरा, चाया, नावाडीह, बनियाडीह,कोयता, चिलोई,नवादा समेत कई गांवो में जलमीनार बेकार पड़ा है.
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