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कौन हैं वो लोग जिन्हें सेना के विमान में कैदियों की तरह भरकर अमेरिका ने भारत वापस भेजा ?

Table of Contents आखिर कौन हैं ये अवैध प्रवासी? अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद बदली प्रवासी नीति Laken Riley Act क्या है? अमेरिका में कितने हिंदुस्तानीय अवैध प्रवासी जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का फैसला अवैध प्रवासियों को हिंदुस्तान भेजने का मामला नया नहीं : एस जयशंकर अमेरिका से हिंदुस्तान भेजे गए अवैध प्रवासी Deportation Of 104 Indians : अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर में 40 घंटों तक 104 हिंदुस्तानीय जंजीरों से बंधे रहे और उन्हें खाना तो दूर शौचालय तक जाने की अनुमति नहीं मिल रही थी. इन 104 हिंदुस्तानीयों के पैरों को जंजीरों से बांधकर रखा गया…

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Deportation Of 104 Indians : अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर में 40 घंटों तक 104 हिंदुस्तानीय जंजीरों से बंधे रहे और उन्हें खाना तो दूर शौचालय तक जाने की अनुमति नहीं मिल रही थी. इन 104 हिंदुस्तानीयों के पैरों को जंजीरों से बांधकर रखा गया था और उन्हें अपनी सीट से उठने भी नहीं दिया जा रहा था. इंडियन एक्सप्रेस में छपी समाचार के अनुसार यह सच्चाई अवैध प्रवासियों में शामिल पंजाब के होशियारपुर निवासी हरविंदर सिंह ने बताई है. हरविंदर सिंह ने बताया है कि उन्हें 40 घंटों तक ठीक से खाना भी नहीं दिया गया. इन 104 हिंदुस्तानीयों में 13 शिशु भी शामिल हैं. अमेरिका आखिर क्यों इन हिंदुस्तानीयों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहा है?

आखिर कौन हैं ये अवैध प्रवासी?

संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध अप्रवासी वैसे विदेशियों को कहा जाता है कि जो बिना जरूरी दस्तावेज और अनुमति के बिना वहां प्रवेश करते और रहते हैं. इनमें शामिल लोगों का इस प्रकार वर्गीकरण किया जा सकता है-

  • वैसे लोग जो आव्रजन अधिकारी की स्वीकृति के बिना देश में प्रवेश करते हैं.
  • वीजा अवधि या अस्थायी संरक्षित स्थिति की अवधि समाप्त होने के बाद भी जो लोग देश नहीं छोड़ते हैं.
  • देश से निकाले जाने के बाद भी गलत तरीके से देश में प्रवेश करते हैं.

अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद बदली प्रवासी नीति

अमेरिका में अब रिपब्लिकन पार्टी की प्रशासन है, जो  वीजा ओवर स्टे करने और अस्थायी संरक्षित स्थिति यानी काम करने के लिए अमेरिका में रहने का विशेष अधिकार की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां बने रहने वालों के प्रति सख्त रवैया अपना रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनकी प्रशासन देश में अमेरिका फर्स्ट की नीति लागू कर रही है, जिसमें ये अवैध प्रवासी सबसे बड़े बाधक हैं. अवैध प्रवासियों की वजह से  अमेरिका की वित्तीय स्थिति पर खराब असर पड़ता है. अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के लिए डोनाल्ड ट्रंप एक नया कानून लेकर आए हैं. साथ ही उन्होंने जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का आदेश भी दिया है.

Laken Riley Act क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 जनवरी को अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के लिए Laken Riley Act पर साइन कर दिया है. इस एक्ट के कानून बनते ही अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने का विशेष अधिकार संघीय अधिकारियों का मिलता है, खासकर अपराध में शामिल  लोगों पर यह एक्ट ज्यादा कारगर साबित होता है.  साथ ही यह एक्ट अवैध प्रवासियों के देशों को एक तरह से चेतावनी भी है कि वे अपने नागरिकों को वापस बुला  लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

अमेरिका में कितने हिंदुस्तानीय अवैध प्रवासी

अमेरिका में चिह्नित किए गए 18 हजार अवैध प्रवासी हिंदुस्तानीय हैं. इनमें से कुछ वीजा ओवर स्टे करके रह रहे हैं, तो कुछ काम करने की अनुमति अवधि समाप्त होने के बाद डंकी रूट से यहां घुसे हैं और रह रहे हैं. डंकी रूट उस मार्ग को कहते हैं, जो मैक्सिको और कनाडा की ओर से अमेरिका की सीमा को जोड़ता है. इन मार्गों से एजेंट को पैसे देकर हिंदुस्तानीय अमेरिका की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं और वहां रहते हैं. चूंकि अमेरिका में काम अच्छी कीमत पर और आसानी से मिल जाता है, इसलिए  लोग रिस्क  लेकर भी डंकी रूट को अपनाते हैं. अमेरिका से बुधवार को वापस भेजे गए हरविंदर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसने 42  लाख रुपए एक एजेंट को दिए थे, वह भी अपनी जमीन गिरवी रखकर तब जाकर वह अमेरिका पहुंच पाया था. कई  लोग ऐसे भी हैं, जो लाखों खर्च करने के बाद भी अमेरिका नहीं पहुंच पाते और इधर–उधर भटकते रह जाते हैं. अमेरिका में रहने वाले प्रवासी हिंदुस्तानीयों की जनसंख्या वहां की जनसंख्या का लगभग 1.5% है.

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जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का फैसला

अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का फैसला भी किया है, जिससे लोगों में दहशत है. हालांकि अभी इसपर फैसला नहीं हुआ है क्योंकि संघीय न्यायालय ने इस फैसले पर डेमोक्रेटिक पार्टी की अपील पर रोक लगा दी है. लेकिन यह फैसला अवैध प्रवासियों के लिए ही लिया गया है. अमेरिकी कानून के अनुसार अगर किसी प्रवासी का बच्चा वहां की धरती पर जन्म लेता है, तो उसे वहां की नागरिकता स्वत: मिल जाती है. इसे रोकने के लिए ही डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासन ने जन्मजात नागरिकता पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

अवैध प्रवासियों को हिंदुस्तान भेजने का मामला नया नहीं : एस जयशंकर

s jaishankar
एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अवैध प्रवासियों को हिंदुस्तान भेजने के मामले में कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इस तरह हिंदुस्तानीयों को देश वापस भेजा गया है. अमेरिका में 2012 से यह कानून लागू है और अमेरिका ने अपनी नीतियों के अनुसार उन्हें यहां भेजा है. अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का तरीका नया नहीं है. पहले भी ऐसा होता आया है. ये हिंदुस्तानीय वहां गलत तरीके से रह रहे थे और उनकी स्थिति भयावह थी. वे अमानवीय स्थिति में वहां थे. उन्हें हमें स्वीकार करना ही था. इस मौके पर विदेश मंत्री ने आंकड़े भी प्रस्तुत किए जिसमें यह बताया गया है कि 2009 से अबतक किस वर्ष कितने अवैध प्रवासियों को हिंदुस्तान भेजा गया है.

अमेरिका से हिंदुस्तान भेजे गए अवैध प्रवासी

2009 734
2010 799
2011 597
2012 530
2013 550
2014 591
2015 708
2016 1303
2017 1024
2018 1180
2019 2042
2020 1889
2021 805
2022 862
2023 670
2024 1368
2025 104
विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़े

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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