रानीगंज.
डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया(डीवाइएफआइ) के 24वें पश्चिम बर्दवान जिला सम्मेलन के लिए रानीगंज राजबाड़ी मोड़ पर विशाल रैली निकाली गयी. उसके बाद जनसभा में डीवाइएफआई की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी ने केंद्र की भाजपा प्रशासन और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस प्रशासन पर बढ़ती बेरोजगारी व भ्रष्टाचार को लेकर जम कर निशाना साधा. मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए मीनाक्षी मुखर्जी ने दोनों प्रशासनों को जनविरोधी बताया और उन पर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया उन्होंने कहा, “ये प्रशासनें आम जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं. उनकी नीतियां बस कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनायी जा रही हैं. ” पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए शिक्षक नियुक्ति घोटाले का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा, “26,000 शिक्षकों की नौकरी का मामला और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लाशों की खरीद-बिक्री, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं पूरे देश ने देखी हैं. ” उन्होंने देशभर में बढ़ती बेरोजगारी को सबसे गंभीर समस्या बताते हुए कहा, “जब देश में रोजगार की भारी कमी है, तब धार्मिक नेतृत्व को प्राथमिकता दी जा रही है. युद्ध के नाम पर आम लोगों को डराया जा रहा है, जबकि असली युद्ध बेरोजगारी और बंद पड़े उद्योगों को दोबारा शुरू करने के लिए होना चाहिए. कश्मीर में हुई हालिया हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए मुखर्जी ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री मोदी की प्रशासन पर निशाना साधते हुए उन्होंने मनरेगा योजना के बजट में कटौती का मुद्दा उठाया और कहा, “पहले 100 दिनों के काम के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट था, जिसे अब घटाकर सिर्फ 3,300 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो चिंताजनक है. राज्य प्रशासन पर निजी क्षेत्र के उद्योगों को बंद करने में सहयोग करने का आरोप लगाया और केंद्र प्रशासन की नीतियों के चलते कोयला उद्योग, चित्तरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री और रेल कारखानों पर मंडरा रहे खतरे को उजागर किया. उन्होंने इस औद्योगिक क्षेत्र को बचाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
सम्मेलन में डीवाईएफआई के राज्य कमेटी के नेता ध्रुव दास, ध्रुव ज्योति साहा, वृंदावन दास और विक्टर आचार्य भी उपस्थित थे. ध्रुव दास ने जनसमस्याओं पर पार्टी के रुख को स्पष्ट किया.
मीनाक्षी मुखर्जी ने चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने, हिंदुस्तान केबल्स और कुल्टी कारखाने के श्रमिकों के मुद्दों को भी उठाया. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उनके हक का वेतन नहीं मिल रहा है और आउटसोर्सिंग के जरिए उनका शोषण किया जा रहा है. उन्होंने रानीगंज के बंगाल पेपर मिल के श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भी आवाज उठाई और कहा कि डीवाईएफआई का संघर्ष श्रमिकों के सर्वांगीण हितों की रक्षा के लिए जारी रहेगा.
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