Nira Promotion Scheme : पटना. शराबबंदी को सख्ती से लागू करने वाले बिहार राज्य में अब नीतीश प्रशासन ने नई पहल की है. राज्य प्रशासन गांव-गांव में फैले ताड़ और खजूर के पेड़ों और उनमें लगे लबनी (रस निकालने की व्यवस्था) की गिनती कराएगी. साथ ही, जिन लोगों के पास ताड़ या खजूर के पेड़ हैं, उनका विस्तृत डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा. इस सर्वेक्षण की योजना मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना के अंतर्गत बनाई जा रही है, जिसकी शुरुआत 15 अप्रैल से संभावित है.
मद्य निषेध विभाग करेगा सर्वेक्षण
प्रशासन ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है. ये अधिकारी स्थानीय प्रशासन और जीविका समूहों के साथ मिलकर क्षेत्रीय दौरे करेंगे और योजना की प्रगति की नियमित रिपोर्ट उत्पाद आयुक्त को देंगे. इस योजना के तहत पेड़ों में रस निकालने वाले टैपरों (लबनी लगाने वाले) का भी डेटा इकट्ठा किया जाएगा. प्रशासन नीरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टैपरों को लाइसेंस देगी. इसके साथ ही, जीविका स्वयं सहायता समूहों को पेड़ मालिकों और टैपरों से जोड़ा जाएगा. सभी संबंधित पक्षों-टैपर, पेड़ मालिक और समूहों-के लिए प्रशिक्षण सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा.
नीरा को संग्रहित करने के लिए होगी व्यवस्था
विभागीय जानकारी के अनुसार नीरा को संग्रहित करने के लिए पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी और योजना से जुड़े सभी लोगों के बैंक खातों का विवरण भी एकत्र किया जाएगा. बिहार के हर जिले में इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को दी गई है. योजना के प्रचार-प्रसार और लेखा प्रबंधन का कार्य भी मुख्यालय से निर्देशित होगा. सूत्रों के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य राज्य में नीरा उत्पादन और बिक्री को प्रोत्साहित करना है, वहीं खमीरयुक्त ताड़ी के उत्पादन और सेवन को हतोत्साहित करना भी इसकी प्रमुख मंशा है.
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