New Airport in Jharkhand: झारखंड को जल्द ही एक और एयरपोर्ट की सौगात मिलने वाली है. यह एयरपोर्ट पूर्वी सिंहभूम में बनेगा. इसका लाभ 3 राज्यों के लोगों को होगा. झारखंड की विकास को रफ्तार मिलेगी. परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और वन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने पिछले दिनों एक समीक्षा बैठक की, जिसमें धालभूमगढ़ एयरपोर्ट पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुरदा, राखा, केंदाडीह माइंस, फुलडुंगरी रोड, एचसीएल अस्पताल के जीर्णोद्धार और अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की.
प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दें – डीसी
उपायुक्त ने संबंधित विभागों (वन विभाग, राजस्व, अंचल, अनुमंडल और अन्य विभागों) को स्थानीय लोगों के साथ समन्वय बनाकर चरणबद्ध और समयबद्ध तरीके से काम पूरा करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि प्रभावित परिवारों को पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ उचित मुआवजा दें.
धालभूमगढ़ में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
उपायुक्त ने बताया कि धालभूमगढ़ में जो एयरपोर्ट बनना है, वह इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा. इससे पूर्वी सिंहभूम जिले को नयी उड़ान मिलेगी. क्षेत्र का विकास तेज होगा. इस एयरपोर्ट का शिलान्यास 6 साल पहले 24 जनवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने किया था. पूर्वी सिंभूम का दूसरा एयरपोर्ट जमशेदपुर से 60 किलोमीटर दूर धालभूमगढ़ में बनेगा.
2020 में 72 सीटर विमान चलाने का था लक्ष्य
वर्ष 2020 तक इस एयरपोर्ट पर 72 सीटर विमानों को चलाने का लक्ष्य था. एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट तय हुआ था. हालांकि, बाद में वन विभाग और एलीफैंट कॉरिडोर का पेच सामने आया और एयरपोर्ट का निर्माण रुक गया. अब उपायुक्त ने वन विभाग से जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी लेने का निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिया है, ताकि एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से हो सके.
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79000 पेड़ और 99 हेक्टेयर भूमि के पेच में फंसा एयरपोर्ट
पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट की राह में 79,000 पेड़ और 99 हेक्टेयर भूमि का रोड़ा है. जुलाई 2024 में झारखंड वन एवं पर्यावरण विभाग ने 99.256 हेक्टेयर वन भूमि देने की मंजूरी तो दे दी, लेकिन उसके साथ एक शर्त जोड़ दी थी. कहा था कि उसे 99.256 हेक्टेयर भूमि के बदले उतनी ही भूमि उपलब्ध करायी जाये.
पर्यावरण मंत्रालय ने 19 बिंदुओं पर मांगा था स्पष्टीकरण
सितंबर 2024 में केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय ने विभाग से 19 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा. इसमें 79,332 पेड़ काटने के पर्यावरणीय प्रभाव और स्थानीय लोगों को लाभ जैसे मुद्दे शामिल थे. उपायुक्त ने कहा कि इस विषय का जल्द से जल्द हल किया जाये. ग्राम सभा की प्रक्रिया पूरी करें और भूमि चिह्नित करें. साथ ही प्रतिपूरक वनरोपण के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश भी करें. वन प्रमंडल पदाधिकारी सबा आलम अंसारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी.
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के क्या होंगे फायदे?
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों के लिए अहम साबित होगा. यह एयरपोर्ट जमशेदपुर से करीब 60 किलोमीटर और धालभूमगढ़ रेलवे स्टेशन से 5 किमी की दूरी पर है. इस एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो जाने से टाटा स्टील, टाटा मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों और छोटे-मध्यम उद्यमों को लाभ होगा. रांची और कोलकाता पर निर्भरता कम होगी. पहले चरण में 240 एकड़ में 1,745 मीटर का रन-वे, टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर और फायर स्टेशन बनेगा, जो एटीआर-72 जैसे विमानों के लिए उपयुक्त होगा. दूसरे चरण में 545 एकड़ और जमीन लेकर रन-वे को 4,400 मीटर तक विस्तारित किया जायेगा.
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