Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट ने अपने ही परिवार के छह सदस्यों की निर्मम हत्या करने के सजायाफ्ता गागो दास की अपील और राज्य प्रशासन की ओर से फांसी की सजा को कंफर्म करने के लिए दायर अपील याचिकाओं पर फैसला सुनाया. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फांसी की सजा को सही ठहराते हुए बरकरार रखा. इसके साथ ही राज्य प्रशासन की अपील याचिका को स्वीकार करते हुए फांसी की सजा को कंफर्म किया. खंडपीठ ने अपीलकर्ता गागो दास की अपील याचिका खारिज कर दी. 28 नवंबर 2024 को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए सुनायी गयी थी फांसी की सजा
अपीलकर्ता गांगो दास की ओर से क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर फांसी की सजा को चुनौती दी गयी थी. वहीं राज्य प्रशासन ने फांसी की सजा को कंफर्म करने के लिए क्रिमिनल अपील याचिका दायर की थी. अक्टूबर 2024 में कोडरमा की निचली अदालत ने घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए आरोपी गांगो दास को अपने ही परिवार के छह सदस्यों की हत्या मामले में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनायी थी. इसके साथ ही 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
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शराब के नशे में बड़े कांड को दिया था अंजाम
कोडरमा के नवलशाही थाना क्षेत्र में पड़ोसी मदन दास के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. मदन दास ने दर्ज प्राथमिकी में बताया था कि 26 नवंबर 2019 की रात्रि वह खाना खाकर सो गया था. रात्रि लगभग 9:45 बजे उसका पड़ोसी गांगो दास शराब के नशे में हाथ में बड़ा सा चाकू और रॉड लेकर आया था और पत्नी शीला देवी से झगड़ा कर रहा था. इसी दौरान गुस्से में आकर उसने अपनी पत्नी को चाकू और रॉड से मार दिया. यही नहीं उसने अपनी चार वर्षीय पुत्री राधिका कुमारी और दो वर्ष के पुत्र पीयूष कुमार को भी चाकू और रॉड से हत्या कर दी थी. घटनास्थल पर ही राधिका कुमारी और पीयूष कुमार की मौत हो गयी थी. हो-हल्ला सुन कर जब उसकी मां शांति देवी बचाने आयी, तो उन्हें भी रॉड और चाकू से मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. आरोपी ने अपनी भतीजी चांदनी कुमारी और नीतिका कुमारी को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया था. जब आसपास के लोग वहां जुटे तो आरोपी ने खुद को एक रूम में जाकर दरवाजा बंद कर लिया तथा खुलवाने का प्रयास करने पर लोगों को जान से मारने की धमकी देने लगा. लोगों द्वारा एंबुलेंस बुला कर घायलों को जल्द सदर अस्पताल भेजा गया था, जहां गांगो दास की पत्नी शीला देवी और उसके गर्भ में पल रहे सात माह का बच्चा, मां शांति देवी और भतीजी नीतिका कुमारी की भी मौत हो गयी.
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