IND vs ENG: टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने आखिरकार इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए हिंदुस्तानीय क्रिकेट टीम के कप्तान न बनने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. हाल ही में एक इंटरव्यू में, बुमराह ने खुलासा किया कि वह अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई चयन समिति के लिए कप्तानी की पहली पसंद थे , लेकिन स्टार तेज गेंदबाज को ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ के कारण कप्तानी के लिए मना करना पड़ा. बुमराह के इस फैसले के बाद, शुभमन गिल को कप्तानी सौंपी गई और ऋषभ पंत को इंग्लैंड सीरीज के लिए उनका डिप्टी नियुक्त किया गया. इस सीरीज से ठीक पहले रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया. Bumrah break silence on Test captaincy this reason became villain
रोहित-कोहली के संन्यास से पहले ही बुमराह ने कर लिया था फैसला
स्काई स्पोर्ट्स के लिए हिंदुस्तान के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक के साथ एक साक्षात्कार में, बुमराह ने बताया कि उन्होंने पिछले महीने रोहित और कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले ही बीसीसीआई अधिकारियों और चयनकर्ताओं से अपने कार्यभार के बारे में बात की थी. उन्हें कप्तानी छोड़ने का कठिन निर्णय लेना पड़ा, क्योंकि डॉक्टरों और फिजियो ने उन्हें अपने करियर को लंबा करने के लिए अपने शरीर के साथ होशियार रहने की सलाह दी थी. बुमराह ने कहा, ‘रोहित और विराट के आईपीएल के दौरान रिटायर होने से पहले, मैंने बीसीसीआई से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में अपने कार्यभार के बारे में बात की थी. मैंने उन लोगों से बात की है जिन्होंने मेरी पीठ का इलाज किया है. मैंने सर्जन से भी बात की है, जिन्होंने हमेशा मुझसे कहा है कि आपको कार्यभार के बारे में कितना स्मार्ट होना चाहिए.’
बुमराह नहीं चाहते सीरीज में दो कप्तान हो
बुमराह ने आगे कहा, ‘मैंने उनसे बात की और फिर हम इस नतीजे पर पहुंचे कि मुझे थोड़ा होशियार होना होगा. इसलिए मैंने बीसीसीआई को फोन किया और कहा कि मैं नेतृत्व की भूमिका में नहीं जाना चाहता क्योंकि मैं पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में सभी टेस्ट मैच नहीं स्पोर्ट्स पाऊंगा.’ हिंदुस्तान के तेज गेंदबाज ने कहा कि वह नहीं चाहते कि एक टेस्ट सीरीज में हिंदुस्तानीय टीम के दो कप्तान हों. उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई नेतृत्व के लिए मेरी ओर देख रहा था, लेकिन फिर मुझे कहना पड़ा कि नहीं, यह टीम के लिए भी उचित नहीं है. आप जानते हैं कि पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में तीन मैचों की कप्तानी कोई और कर रहा है, दो मैचों की कप्तानी कोई और कर रहा है. यह टीम के लिए उचित नहीं है. और मैं हमेशा टीम को पहले रखना चाहता था.’
दो बार चोटिल हुए बुमराह
बुमराह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट में लगी पीठ की चोट के कारण चैंपियंस ट्रॉफी और आईपीएल के पहले कुछ शुरुआती मैचों से बाहर हो गए थे. उल्लेखनीय है कि यह दूसरी बार था जब उन्हें पीठ में चोट लगी थी. पहली बार ऐसा होने पर उन्हें एक साल से ज्यादा समय तक स्पोर्ट्स से बाहर रहना पड़ा था. कुल मिलाकर बुमराह की चोट ही उनके लिए सबसे बड़ी विलेन बनी. बुमराह ने कहा कि वह कप्तान होने के अलावा एक खिलाड़ी के रूप में भी टीम की सफलता में अधिक योगदान दे सकते हैं. कई पूर्व क्रिकेटरों का भी मत था कि बुमराह का कार्यभार प्रबंधन बेहद जरूरी है.
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