रक्सौल . बुधवार को उड़ीसा के भुवनेश्वर से सैकड़ों की संख्या में नेपाली छात्र-छात्राएं रक्सौल पहुंचे. हावड़ा से रक्सौल आयी मिथिला एक्सप्रेस से रक्सौल पहुंचे नेपाली छात्रों का रक्सौल पहुंचने के साथ ही, स्थानीय प्रशासन और अखिल हिंदुस्तानीय विधार्थी परिषद के द्वारा बच्चों को उचित सहूलियत प्रदान करते हुए उनके नेपाल जाने की उचित व्यवस्था करायी गयी. ये सभी छात्र उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कालिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के छात्र है, जो बीते 16 फरवरी को बीटेक की छात्रा प्रकृति लम्साल की मौत के बाद से कॉलेज प्रशासन के द्वारा किये गये अमानवीय व्यवहार से क्षुब्ध होकर नेपाल लौटने लगे है. नेपाली छात्रों के समुह का कहना था कि 16 फरवरी को प्रकृति की मौत के बाद 17 फरवरी की सुबह उन्हें 9 बजे हॉस्टल से जबरन निकाल दिया गया. कॉलेज प्रशासन ने गार्ड, बाउंसर व जिम ट्रेनर का प्रयोग करते हुए बलपूवर्क हमलोगों को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया और बस से भुवनेश्वर स्टेशन भेज दिया गया. इसके बाद हमलोग जैसे-तैसे अपनी व्यवस्था से लौट कर आये है. रक्सौल पहुंचे नेपाली छात्र काफी भयभीत थे और उनके चेहरे पर डर का माहौल था. कुछ बच्चों के चेहरे पर मारपीट के भी निशान दिख रहे थे. छात्रों का कहना था कि हिंदुस्तान की प्रशासन से उन्हें किसी तरह की शिकायत नहीं है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उनके साथ काफी गलत किया है. भुवनेश्वर से घर लौटने के बीच कॉलेज प्रशासन के द्वारा इनको वापस बुलाने की भी कोशिश की गयी है, लेकिन छात्रों के मन में जो डर बसा है. उसके कारण वे घर लौट आये है. ट्रेन के अलावे 100 से अधिक छात्र बस से भी रक्सौल पहुंचे है. इससे पहले मंगलवार की रात भी करीब 60 की संख्या में नेपाली छात्र उड़ीसा से रक्सौल पहुंचे थे, जिनको हिंदुस्तानीय महावाणिज्यदूतावास और नेपाली प्रशासन की मदद से उनके घर तक भेजा गया. इधर, छात्रों के रक्सौल पहुंचने के बाद उनको किसी तरह की परेशानी न हो, इसका ख्याल रेलवे प्रशासन के द्वारा भी रखा गया. जीआरपी थानाध्यक्ष पवन कुमार, डीसीआई संजय कुमार शर्मा आदि ने बच्चों को उचित व्यवस्था कराने में मदद की. हिंदुस्तानीय महावाणिज्यदूतावास के अधिकारियों ने बताया कि शिशुं जो घर आ रहे है, उनको किसी तरह की परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है. दूतावास लगातार पूरे मामले पर नजर रखे हुए है.
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