नया विचार न्यूज़ सरायरंजन । प्रखंड अंतर्गत उदापट्टी स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कर्मियों की लापरवाही की वजह से विगत डेढ़ माह से ताला लटका पड़ा है। यह सेंटर पहले भी महीना में एक-दो दिन ही खुला मिलता था। यह केंद्र खुलता भी था,तब भी पहुंचने वाले मरीजों को किसी तरह की दवा या कोई अन्य सुविधा नहीं दी जाती थी। कहा जाता कि यहां कोई भी दवा यहां उपलब्ध नहीं है। कारण यह है कि इस उप केंद्र में कार्यरत डॉक्टर एवं नर्स नियमित रूप से अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचते थे। इसका परिणाम है कि यहां के लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल समस्तीपुर, सीएचसी सरायरंजन या मेडिकल कॉलेज नरघोघी जाना पड़ता है। यहां पर जितनी सुविधायें दीवार पर विभाग के द्वारा लिखी गई हैं, वही मानें तो सीएचओ ,एक एनएनएम को प्रत्येक दिन ओपीडी संचालित करना है। जिसमें दावा का वितरण करना है ।बीपी ,शुगर की जांच एवं कैंसर का स्कैनिंग करना है। एनसीडी प्रोग्राम चलाना है। स्त्रीओं का एएनसी एवं पीएनसी और बच्चों को नियमित टीकाकरण करना है। यह सारी सुविधायें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सह स्वास्थ्य उपकेंद्र उदापट्टी में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मिलनी चाहिए। वहीं स्वास्थ्यकर्मी को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी करना है । जबकि एक भी सुविधा नहीं मिल रही है। आखिर दवा आती है तो कहां चली जाती है। यह तो जांच का विषय है। पंचायत के लोगों के अनुसार यहां बराबर ताला ही लटका रहता है। इसमें कार्यरत ड्यूटी पर तभी पहुंचते हैं जब कोई पदाधिकारी के आगमन की सूचना मिलती है या कहीं कोई आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यक्रम होता है। बता दें कि 2013 में यहां भवन का निर्माण करवाया गया। यहां के स्थानीय लोगों ने जमीन दान कर अपने जमीन में अस्पताल बनवाया ।लेकिन इससे ग्रामीणों का कोई लाभ नहीं हो रहा है। समुचित इलाज के लिए डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है। इस केंद्र के उद्घाटन के बाद से आज तक अधिकांशत: बंद ही देखा जाता है। इससे गांव के लोगों में विभाग के खिलाफ नाराजगी है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायरंजन के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ .सूरज कुमार ने बताया कि छुट्टी के दिन छोड़कर प्रत्येक दिन स्वास्थ्य उपकेंद्र को खोलना है। ऐसा नहीं किया जा रहा है तो संबंधित स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी।
