नया विचार – दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करेगा. चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर देगा कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर किस तारीख को चुनाव होंगे. कहा जा रहा है कि एक चरण में ही चुनाव होंगे. इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, हिंदुस्तानीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी की थी. दिल्ली में इस बार कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली के चुनाव में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स होंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 जबकि स्त्री वोटर्स की संख्या 71,73,952 है. वहीं, थर्ड जेंडर की संख्या 1,261 है।
उम्मीद है कि आने वाले समय में लोकतंत्र और मजबूत होगा: मुख्य चुनाव आयुक्त
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ाते रहें. युवा लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ाते रहें. लोकसभा चुनाव में नया रिकॉर्ड बना है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भी लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा.
दिल्ली में CM आतिशी के सामने रमेश बिधूड़ी
दिल्ली की कालकाजी सीट से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी हैं. इस सीट पर उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी की आतिशी से होगा. 2020 के चुनाव में आतिशी पहली बार इस सीट से से जीती थीं. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने शनिवार को 29 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी.
पिछली बार 6 जनवरी को हुआ था ऐलान
दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 6 जनवरी को हुआ था. दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए 14 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी हुआ था. पिछली बार 8 फरवरी को वोटिंग हुई थी, जबकि 11 फरवरी को नतीजे आए थे. 16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
दिल्ली चुनाव के पिछली बार के क्या रहे हैं नतीजे?
दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर प्रशासन बना रही है. 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं. दिल्ली के इतिहास में ये पहली बार था, जब किसी पार्टी ने इतनी सीटें जीती थीं. वहीं, 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं. जबकि, कांग्रेस पिछले दो चुनाव से एक भी सीट नहीं जीत सकी है.