Litchis Export: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर के लोग हिंदुस्तान की गुलाबी सुगंध वाली लीची का स्वाद चख सकेंगे. इसका कारण यह है कि आम, अंगूर और केला जैसे फलों के बाद हिंदुस्तान अब गुलाब के सुगंध वाली लीची का विदेशी निर्यात शुरू कर दिया है. आम की तरह लीची भी एक ऐसा मौसमी फल है, जो गर्मी के मौसम में ही उपजता है. हिंदुस्तान की बागवानी को बढ़ावा देने के लिए पंजाबी लीची की पहली खेप मध्य-पूर्व के देशों में पहुंच गई है.
1.5 टन लीची की पहली खेप हुई रवाना
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अनुसार, जून 2025 में 1.5 टन लीची की पहली खेप पंजाब के पठानकोट से रवाना की गई. अंग्रेजी की वेबसाइट सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाबी लीची की 1 टन की खेप कतर की राजधानी दोहा भेजी गई है. इसके अलावा, करीब 0.5 टन पंजाबी लीची संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख शहर दुबई के लिए निर्यात की गई है. यह निर्यात एपीईडीए, पंजाब का बागवानी विभाग और लुलु ग्रुप के साझा प्रयास से संभव हुआ है. यह साझेदारी हिंदुस्तान के ताजे बागवानी उत्पादों को वैश्विक बाजारों में पहचान दिलाने की दिशा में एक सशक्त कदम है.
पंजाब बना लीची उत्पादन का प्रमुख केंद्र
पंजाब लीची के उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन गया है. वर्ष 2023-24 में पंजाब ने 71,490 टन लीची का उत्पादन किया, जो हिंदुस्तान के कुल लीची उत्पादन का 12% से अधिक है. यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि पंजाब अब आम के अलावा लीची के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. इसी अवधि में, हिंदुस्तान से कुल 639.53 टन लीची का निर्यात किया गया.
बदलते वैश्विक स्वाद और हिंदुस्तान की भूमिका
जहां पहले आम, केला, अंगूर और संतरा ही हिंदुस्तान के प्रमुख निर्यात फल माने जाते थे, अब चेरी, जामुन और लीची भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान बना रहे हैं. एपीईडीए का मानना है कि देशी और मौसमी फलों में विदेशी ग्राहकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए निर्यात का नया परिदृश्य तैयार हो रहा है.
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किसानों की आमदनी और निर्यात में नया अवसर
यह निर्यात न केवल हिंदुस्तान के फलों की विविधता को दर्शाता है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और स्थानीय कृषि को वैश्विक मंच पर लाने का जरिया भी बन रहा है. हिंदुस्तान प्रशासन का उद्देश्य कृषि निर्यात को बढ़ावा देना है और यह पहल उसी दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है.
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