बोआरीजोर प्रखंड अंतर्गत मेघी पंचायत के सुदूरवर्ती पहाड़िया बहुल गांव मालीगोरा, कर्मटोला, चपलगोरा, बड़ा केरा एवं छोटा केरा आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं. इन गांवों की लगभग 800 की आबादी शुद्ध पेयजल, सड़क संपर्क, एवं स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी प्राथमिक आवश्यकताओं से वंचित है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें पीने के लिए झरना और कुएं का सहारा लेना पड़ता है, जो गांव से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित है. सुबह होते ही गांव के लोग पानी की तलाश में निकल पड़ते हैं. प्रशासन द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बोरवेल व पाइपलाइन बिछाई गयी थी, लेकिन जलस्तर नीचे चले जाने से बोरवेल अब निष्क्रिय हो चुके हैं और जलापूर्ति पूरी तरह से ठप है.
कच्ची सड़क बना रही जीवन और भी कठिन
इन गांवों तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का कोई प्रावधान नहीं है. कच्ची सड़क बारिश में कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई होती है. बीमार पड़ने पर मरीजों को खाट पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाया जाता है, ताकि अस्पताल पहुंचाया जा सके. स्थानीय ग्रामीण सुंदरा पहाड़िया, चांदी पहाड़ीन, सुरेंद्र मालतो, मुकेश मालतो और सुरजी पहाड़ीन ने बताया कि वर्षों से गांव की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा, मजबूरी में दूषित पानी का सेवन करना पड़ता है. गांव को मुख्य सड़क से नहीं जोड़े जाने के कारण उनका जीवन संकटमय हो गया है.
प्रशासन को दी गयी जानकारी, समाधान का भरोसा
मेघी पंचायत के मुखिया मनोज मरांडी ने बताया कि उन्होंने गांव की समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन और प्रखंड कार्यालय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि शीघ्र ही इन समस्याओं का समाधान होगा. वहीं बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों को पानी की परेशानी न हो, इसके लिए टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. प्रशासन गांव में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर है और शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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