प्रतिनिधि,सीवान. सदर अस्पताल हाल के दिनों में राज्य स्वास्थ्य समिति की अपर कार्यपालक निदेशक नेहा कुमारी के निरीक्षण के बाद गंभीर चर्चाओं में है. स्वस्थ्य नारी, सशक्त परिवार कार्यक्रम की समीक्षा के लिए 24 सितंबर को हुए निरीक्षण में कई लापरवाहियां सामने आईं, जिन पर सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने कड़ी कार्रवाई की है. निरीक्षण के दौरान प्रसवोपरांत स्त्री वार्ड की छह मरीजों ने शिकायत की कि उन्हें 23 सितंबर की रात का खाना और 24 सितंबर की सुबह का नाश्ता उपलब्ध नहीं कराया गया. यह जिम्मेदारी प्रसव कक्ष प्रभारी जीएनएम अर्चना कुमारी की थी. शिकायत को गंभीर मानते हुए सिविल सर्जन ने उनका वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया और 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया. परिवार नियोजन कार्यक्रम में कमी निरीक्षण के दौरान परिवार नियोजन परामर्श में भी उदासीनता सामने आई. रिकॉर्ड के अनुसार, 17 से 24 सितंबर के बीच जीएनएम आरूती बोहरा द्वारा केवल 76 दंपत्तियों को परामर्श दिया गया, जबकि लक्ष्य इससे कहीं अधिक तय था. 24 सितंबर को दोपहर दो बजे तक केवल 4 दंपत्तियों को ही परामर्श मिल पाया. नेहा कुमारी ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई और कार्रवाई का निर्देश दिया. सिविल सर्जन ने संबंधित जीएनएम का वेतन रोकते हुए 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया. रिश्वतखोरी का आरोप अस्पताल के डाटा इंट्री ऑपरेटर मोहम्मद फैजल अली पर जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में सुधार कराने के बदले पैसे मांगने के आरोप सामने आए. शिकायत सीधे सिविल सर्जन को फोन पर दी गई. मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि वे केवल पंजीकरण काउंटर पर अपनी ड्यूटी करें और प्रमाणपत्र सुधार की प्रक्रिया से पूरी तरह दूर रहें. यदि आरोप प्रमाणित होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इन घटनाओं ने अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. राज्य स्तरीय अधिकारियों ने इसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में गंभीर चूक माना है.
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