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नाइजर में फंसे प्रवासी मजदूर लौटे नहीं, अब दुबई में फंसे झारखंड के 15 मजदूर लगा रहे वतन वापसी की गुहार, परिजनों का छलका दर्द

Jharkhand Trapped Migrant Workers: बगोदर (गिरिडीह), कुमार गौरव-नाइजर में आतंकियों के चंगुल में फंसे गिरिडीह जिले के बगोदर के पांच प्रवासी मजदूरों के दो माह बीत गए, लेकिन इन मजदूरों की अब तक वतन वापसी नहीं हुई है. बगोदर प्रखंड के अंबाडीह से दो प्रवासी मजदूर दुबई में फंस गए हैं. इसकी सूचना मिलते ही मजदूर के परिजनों को चिंता सताने लगी है. मजदूरों के परिजनों ने अपने घर के मुखिया की सकुशल वापसी की गुहार प्रशासन से लगाई है. दुबई में फंसे मजदूरों में अंबाडीह के बैजनाथ महतो और महेंद्र महतो शामिल हैं. मजदूरों के परिजनों ने प्रशासन से वतन वापसी की गुहार लगाते हुए बकाया मजदूरी दिलाने की भी मांग की है.

तीन महीने से नहीं मिल रही मजदूरी, रहना मुश्किल-पत्नी

प्रवासी मजदूर बैजनाथ महतो की पत्नी कौशिला देवी ने बताया कि बीते 14 जनवरी 2024 को उसके पति स्थानीय ठेकेदार के माध्यम से काम करने के लिए दुबई गए थे, लेकिन तीन माह से कंपनी मजदूरी नहीं दे रही है. इससे उन्हें खाने-पीने की भी समस्या हो गयी है. जिस किराये के कमरे में वे रहते हैं, उसका किराया भी बकाया है. मकान मालिक ने भी मजदूरों पर घर खाली करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इससे मजदूर परेशान हैं. इन सारी चीजों को जानने के बाद परिजनों की चिंता बढ़ने लगी है.

पैसे नहीं आने से घर चलाने में परेशानी-मजदूरों के परिजन

तीन महीने से घर पर पैसे नहीं भेजने से परिवार चलाना मुश्किल होने लगा है. अभी खेतीबाड़ी का सीजन है. धान का बीज खरीदना है. ट्रैक्टर से काम करवाना है, लेकिन पैसे नहीं भेजने से सारा काम ठप पड़ गया है. घर में एक मात्र कमाऊ सदस्य पति ही हैं. उनसे ही घर चलता है.

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आगे की पढ़ाई में हो रही परेशानी-प्रवासी मजदूर का पुत्र

प्रवासी मजदूर के पुत्र कुंदन कुमार ने बताया कि इस वर्ष उसने मैट्रिक की परीक्षा दी है. फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ, लेकिन आगे की पढ़ाई में परेशानी आ रही है. पिता दुबई में काम करने गए हैं. उन्हें तीन महीने से मजदूरी नहीं मिल पायी है. उसने प्रशासन से अपने पिता की सकुशल वापसी की गुहार लगाई है.

बारिश में गिर रहा माटी का घर, बूढ़ी मां ने लगायी वापसी की गुहार

प्रवासी मजदूर महेंद्र महतो की पत्नी कौशल्या देवी ने बताया कि डेढ़ साल पहले कमाने दुबई गए, लेकिन वहां पर भी उन्हें तीन महीने से न तो पैसे दिए जा रहे हैं, न ही खाना-पीना मिल रहा है. कंपनी भी कोई सहयोग नहीं कर रही है. सिर्फ काम ले रही है. मजदूर महेंद्र महतो का का घर खपरैल है. वह एक तरफ से गिरने के कगार पर है. घर में बूढ़ी मां कीरिया मसोमात ने नम आंखों से अपने बेटे की सकुशल वापसी की गुहार प्रशासन से लगाई है.

दुबई में फंसे हैं 15 मजदूर

बगोदर प्रखंड के दो मजदूर समेत गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिले के 15 प्रवासी मजदूर दुबई में फंसे हैं. सभी मजदूर मसाई कॉन्ट्रैक्टिंग एलएलसी कंपनी में दुबई काम करने जनवरी 2024 में गए थे. मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर दर्द शेयर किया है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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