Bihar Job: पटना. बिहार के बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को जीविकोपार्जन सुनिश्चित कराकर विकास को रफ्तार देने हेतु वर्ष 2018 से नीतीश प्रशासन ‘मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना’ का लाभ दे रही है. इस योजना के माध्यम से राज्य प्रशासन प्रत्येक ग्राम पंचायत से 7 लाभुकों का चयन कर उन्हें व्यावसायिक वाहन खरीदने हेतु क्रय-मूल्य के 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 1 लाख रुपये की अनुदान स्वरूप आर्थिक मदद प्रदान करती है. इनमें 4 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं 3 अत्यंत पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े होते हैं. चयनित लाभुकों को 4 सीट से लेकर 10 सीट तक के नए सवारी वाहनों (तीन पहिया या चार पहिया) की खरीद हेतु अनुदान राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की जाती है. इसका मुख्य मकसद गरीब, बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करना है.
44 हजार से ज्यादा लोगों को मिला फायदा
वर्तमान बिहार में कुल 8405 पंचायतें हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन और विकास कार्यों को बढ़ावा देती हैं. बिहार की ये पंचायतें राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों से जुड़कर ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ‘मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना’ के तहत चरणबद्ध तरीके से अबतक कुल 44 हजार 754 लाभुकों को अनुदान की राशि प्रदान कर उन्हें स्व-रोजगार से जोड़ा गया है. इस योजना के तहत सामान्य सवारी वाहनों के अलावा ई-रिक्शा एवं एंबुलेंस की खरीद पर भी अनुदान दिया जा रहा है. प्रति पंचायत अधिकतम 7 लाभुक की अनुमान्य सीमा के अंतर्गत प्रति प्रखंड अधिकतम 2 (1 अनुसूचित जाति/जनजाति एवं 1 अत्यंत पिछड़ा वर्ग) लाभुकों को उपलब्ध रिक्ति के अनुसार एंबुलेंस के क्रय पर अनुदान दिया जाएगा.
2 लाख रुपये की अनुदान राशि
एम्बुलेंस खरीद की स्थिति में चयनित लाभुक के बैंक खाता में राज्य प्रशासन द्वारा अधिकतम 2 लाख रुपये की अनुदान राशि का लाभ दिया जाता है. यह योजना लाभुक परिवारों की आर्थिक तंगहाली को दूर करने में काफी कारगर साबित हुई है. सात निश्चय योजना-2 (2020-2025) के माध्यम से नीतीश प्रशासन 12 लाख युवाओं को प्रशासनी नौकरी एवं 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजनाके तहत 11वें चरण में शेष 12,500 लक्ष्य के विरुद्ध जिलावार रिक्ति के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले में सर्वाधिक 1008 रिक्तियां हैं. इसके अलावा सारण में 829, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में 824, मधुबनी में 820, पश्चिमी चंपारण (बेतिया) में 743, दरभंगा में 710, पटना में 657, वैशाली में 548, सिवान में 503 और बांका में 480 रिक्तियां हैं. आवेदन प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर अनुदान की राशि आरटीजीएस के माध्यम से लाभुकों के बैंक खाते में अनुदान राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी जाती है.
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लिए जरूरी शर्तें
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की न्यूनतम उम्र सीमा आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष होनी चाहिए. लाभुक को प्रशासनी सेवा में नियोजित नहीं होना चाहिए एवं पूर्व से उसके पास कोई व्यावसायिक वाहन नहीं होना चाहिए. लाभुक के पास हल्के मोटरयान के चालक की अनुज्ञप्ति, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि होना आवश्यक है. राज्य प्रशासन इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवेदन भरने से लेकर अनुदान की राशि मिलने तक के कार्यक्रम को पारदर्शी बनाने के लिए चरणबद्ध एवं समयबद्ध तरीके से लागू करती रही है. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, बेरोजगार युवाओं को रोजगार संपन्न बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत एवं ग्रामीणों को खुशहाल बनाने के अपने मकसद में सफल साबित हुआ है.
The post नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी appeared first on Naya Vichar.