शेखपुरा. न्यायालय कर्मचारियों ने न्यायालय कार्य अवधि के बाद अतिरिक्त काम नहीं करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा छुट्टी के दिनों में भी न्यायालय कर्मी किसी भी प्रकार के न्यायिक कार्य में सहयोग करते हुए भाग नहीं करने का प्रस्ताव पास किया है. सामान्य तौर पर छुट्टी के दिनों में कर्मी पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल भेजने सहित अन्य कार्यो में लगे रहते हैं. न्यायालय कर्मी अपनी मांगों और समस्याओं के निवारण पर चर्चा को लेकर रविवार के दिन पटना में बिहार राज्य न्यायालय कर्मचारी संघ के बैनर तले बैठक आयोजित की. बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने किया. बैठक में संघ के मजबूती के लिए राज्य स्तर पर पटना में संघ भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में पटना से लौट कर यहां आए राज्य संघ के संगठन सचिव और जिला न्यायालय कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि पूरे राज्य के न्यायालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी ने इस बैठक में भाग लिया. बैठक में मुख्य रूप से अपने चार सूत्री मांगों के पूरा होने पर विस्तार से चर्चा की गई. जुलाई माह तक उनके मांगे नहीं माने जाने पर पुनः आंदोलन चलाने की धमकी दी है. इसके अलावा बैठक में कर्मचारियों ने छुट्टी के दिनों में किसी भी प्रकार के न्यायालय कार्य में सहयोग नहीं देने, न्यायालय अवधि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है. बैठक में न्यायालय में एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थापित लिपिक के स्थानांतरण को लेकर विशेष रूप से चर्चा करते हुए इसके क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों पर दबाव डालने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि जनवरी माह में अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद उनके मांगे प्रोन्नति, अनुकंपा पर बहाली, सेवा शर्तों मंं सुधार आदि की मांग के अनुपालन को लेकर प्रशासन द्वारा समिति बनाई गई है. समिति द्वारा इनके मांगो को पूरी होने का पूरा-पूरा विश्वास है.
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