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परिवार नियोजन पखवाड़ा मेला का दीपप्रज्वलित कर किया गया उद्घाटन

नया विचार न्यूज़ सुपौलसुपौल सिविल सर्जन, के अध्यक्षता में मिशन परिवार विकास अभियान कार्यक्रम अंतर्गत परिवार नियोजन पखवाडा मेला का आयोजन किया गया। इस पखवाडा के अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ए. एसपी सिन्हा, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ चंदन कुमार, बालकृष्ण चौधरी जिला योजना समन्वयक सह प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक अभिषेक कुमार जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, अभिनव आनंद, अस्पताल प्रबंधक- सदर अस्पताल, उजाला सिन्हा, परिवार कल्याण परामर्शी, सदर अस्पताल, सुपौल, बंधुनाथ झा, एड्स परामर्शी सदर अस्पताल, सुपौल के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर परिवार नियोजन पखवाडा मेला का उदघाटन किया गया। जिसमें परिवार नियोजन संबंधी सभी उपायों पर विशेष स्टॉल लगाकर आमजनों को परिवार नियोजन के बारे में विस्तृत परामर्श दिया गया ताकि जिला के कुल प्रजनन दर में कमी आ सके और जिले के परिवार नियोजन लक्ष्य को प्राप्त जिले का TFR घटाकर 2 तक किया जा सके। ज्ञात हो कि सुपौल जिले के सभी प्रखंडों में दिनांक 08 सितम्बर से 20 सितम्बर तक चलने वाले पखवाड़ा के सफल संचालन हेतु विभिन्न माध्यमों से आमजन में जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार किया गया। यह पखवाडा काफी खास है क्योंकि इसी माह हिन्दुओ का महापर्व दशहरा, दिवाली एवम् छठ पूजा होना है जिसमे भरी संख्या में बहार में कार्य करने वाले लोग अपने परिजनों के पास आते है जिस कारण छूटे हुए सभी योग्य लाभार्थी तक सेवा पहुचाया जा सकता है। इस पखवाडा के माध्यम से सभी को सन्देश दिया गया की प्रत्येक दंपति को छोटा परिवार रखने का प्रयास करना चाहिए ताकि अपने बच्चों का सही से देखभाल कर सके। एवं लोगो में जागरूकता पैदा किया जाय जिससे परिवार नियोजन के विभिन्न उपाय यथा-स्त्री बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी, पी०पी०आई०यू०सी०डी०, कॉण्डोम इमरजेंसी पिल, अंतरा एवं छाया के माध्यम से योग्य दंपति अपना परिवार नियोजन करवा सकते हैं। परिवार नियोजन के अस्थायी एवं

स्थायी उपाय नव दंपति के पास निश्चित रूप से पहुंचे ताकि बच्चों में देरी एवं बच्चों में अंतराल रखने में मदद मिल सके। अभियान के माध्यम से लोगो को इसमें मिलने वाले लाभ की राशी के बारे में आमजन को बताया गया की यथा पुरुष नशबंदी कराने पर लाभार्थी को 3000 तथा उत्प्रेरक को 400 रूपए की क्षतिपूर्ति राशी दी जाती है साथ ही स्त्री बंध्याकरण हेतु गर्भपात उपरांत बंध्याकरण में लाभार्थी को 2000 तथा उत्प्रेरक को 300 रूपए और प्रसव पश्चात बंध्याकरण में लाभार्थी को 3000 तथा उत्प्रेरक को 400 रूपए की क्षतिपूर्ति राशी दी जाती है। अंतरा का इंजेक्शन लगाने पर आशा एवं लाभार्थी को भी प्रशासन से द्वारा राशी दी जाती है। परिवार नियोजन किस प्रकार माता एवं बच्चा के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है इस पर गहन चर्चा की गयी। ANM स्कूल के छात्राओं के द्वारा नाटक के माध्यम से लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया गया । इस अभियान के दौरान सभी प्रशासनी स्वास्थ्य संस्थानों में PHC/CHC/SDH/DH में स्त्री बंध्याकरण तथा पुरुष नशबंदी की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध है साथ ही लाभार्थी को प्रशासन के तरफ से क्षतिपूर्ति राशी भी दी जाएगी। इसके लिए लाभार्थी चाहे तो अपने गावं की आशा / ANM दीदी से भी संपर्क कर सकती है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ए. एसपी सिन्हा, बालकृष्ण चौधरी जिला योजना समन्वयक सह प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक अभिषेक कुमार, मौजूद थे।

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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