Pahalgam Terror Attack: रांची-पहलगाम आतंकी हमले की झारखंड जनाधिकार महासभा ने कड़ी निंदा की है और मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. प्रेस रिलीज जारी कर महासभा ने कहा कि इस आतंकी हमले से जम्मू कश्मीर और राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी प्रशासन के झूठे दावे उजागर हो गए हैं. कश्मीर में आम नागरिकों, प्रवासी मजदूरों और पर्यटकों पर आतंकी हमले हो रहे हैं. इस हादसे ने फिर से दर्शाया है कि कश्मीर में सामान्य हालात नहीं हैं. सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकी हमले नहीं रुक रहे हैं. ये प्रशासनी सूचना तंत्र की चूक भी है. जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह केंद्र के हाथों में है. ऐसी परिस्थिति में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए.
केंद्र प्रशासन पर महासभा का गंभीर आरोप
झारखंड जनाधिकार महासभा ने कहा कि केंद्र प्रशासन राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने के बजाय कश्मीरी लोकतांत्रिक आवाज़ों, खास तौर पर युवाओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की आवाज़ों के दमन और आक्रामक बयानबाजी में लगी रहती है. अनुच्छेद 370 को ख़तम करने की नाम पर जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्वायत्ता व कश्मीरियों के लोकतांत्रिक महत्वाकांक्षा को सैन्यबल के दबाव से रौंदा गया. ऐसी परिस्थिति में बिना लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल किये उन्हें आतंक के हाथों छोड़ दिया गया है.
बीजेपी पर साधा निशाना
झारखंड जनाधिकार महासभा का आरोप है कि इस पूरे मसले को फिर से मुख्यधारा मीडिया, भाजपा एवं हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा विभाजनकारी एजेंडे के साथ फैलाया जा रहा है. उनके द्वारा ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि आतंकवादियों ने पर्यटकों का धर्म पूछ कर गैर-मुसलमानों को टारगेट किया, लेकिन इसकी तथ्यात्मक पुष्टि नहीं हुई है, जबकि स्थानीय कश्मीरियों द्वारा गोलीबारी के बीच पर्यटकों को मदद करने की कोशिशों और इस घटना का विरोध करने को दबा दिया जा रहा है. भाजपा व हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा इस घटना को भी इस्तेमाल कर सांप्रदायिक विभाजन बढ़ाने और मुसलमानों के प्रति नफ़रत व हिंसा भड़काने की मंशा स्पष्ट है.
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आतंकी हमले की जांच की मांग
मुख्यधारा मीडिया एवं भाजपा व हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा सांप्रदायिक दुष्प्रचार के साथ-साथ जवाबी कार्यवाई की बात फैलाई जा रही है. यहां तक कि इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों पर किये जा रहे व्यापक हिंसा की तरह कार्यवाई की मांग फैलाई जा रही है. झारखंड जनाधिकार महासभा राज्य के नागरिकों से अपील करती है कि ऐसे दुष्प्रचार से बचें. इस कठिन समय में जरूरी है कि सभी लोग ऐसी विभाजनकारी ताकतों की नेतृत्व को एकताबद्ध होकर नाकाम करें. झारखंड जनाधिकार महासभा ने केंद्र प्रशासन से मांग की है कि आतंकी हमले की जांच कर दोषियों पर न्यायसंगत कार्रवाई करे.
केंद्र प्रशासन से इन्होंने की मांग
महासभा की ओर से अजय एक्का, अफज़ल अनीस, अलोका कुजूर, अमन मरांडी, अम्बिका यादव, अम्बिता किस्कू, अपूर्वा, अशोक वर्मा, भरत भूषण चौधरी, बिंसय मुंडा, बिरसिंग महतो, चार्लेस मुर्मू, चंद्रदेव हेम्ब्रम, दिनेश मुर्मू, एलिना होरो, जेम्स हेरेंज, जॉर्ज मोनिपल्ली, ज्यां द्रेज़, ज्योति बहन, ज्योति कुजूर, कुमार चन्द्र मार्डी, लीना, मंथन, मनोज भुइयां, मेरी हंसदा, मुन्नी देवी, मीना मुर्मू, नरेश पहाड़िया, प्रवीर पीटर, प्रेम बबलू सोरेन, पी एम टोनी, प्रियाशीला बेसरा, नन्द किशोर गंझू, परन, प्रवीर पीटर, रिया तुलिका पिंगुआ, राजा भाई, रंजीत किंडो, रमेश जेराई, रोज खाखा, रोज मधु तिर्की, रमेश मलतो, रेजिना इन्द्वर, रेशमी देवी, राम कविन्द्र, संदीप प्रधान, संगीता बेक, सिराज दत्ता, शशि कुमार, संतोषी लकड़ा, सिसिलिया लकड़ा, शंकर मलतो, टॉम कावला, टिमोथी मलतो, विनोद कुमार, विवेक कुमार ने केंद्र प्रशासन से न्याय की मांग की है.
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