Museum Day : पाकुड़ के कुलबोना गांव स्थित बसलोय नदी के तट पर वर्ष 2024 में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मूर्ति मिली थी. इस मूर्ति की पहचान अग्नि पुराण में वर्णित भगवान शिव की पत्नी लोलिता देवी के रूप में हुई है, जो माता पार्वती का ही प्रतिरूप है. यह मूर्ति 9वीं से 10वीं शताब्दी के बीच की बतायी जा रही है. विशेषज्ञों द्वारा जांच के बाद यह निर्णय लिया गया कि इस प्राचीन मूर्ति को राजधानी रांची के स्पोर्ट्सगांव स्थित राज्य संग्रहालय में रखा जायेगा.
स्थानक मुद्रा में कमल पर विराजी हैं देवी लोलिता
खुदाई के दौरान मिली इस प्राचीन मूर्ति में लोलिता देवी के एक तरफ भगवान गणेश और दूसरी तरफ भगवान कार्तिकेय विराजमान हैं. मूर्ति के चारों ओर गंधर्व विराजमान हैं. वहीं देवी कमल के फूल पर स्थानक मुद्रा में विराजी हुई हैं. पश्चिम बंगाल में भगवती लोलिता की प्रतिमा की पूजा की जाती है. वहां इनकी प्रतिमा भी देखने को मिलेगी. यह प्राचीन मूर्ति अब राज्य संग्रहालय की शोभा बढ़ायेगी.
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पुरातत्व विभाग की 4 सदस्य टीम ने की मूर्ति की जांच
इस प्राचीन मूर्ति के बारे में संग्रहालय विज्ञान एवं पुरातत्व विशेषज्ञ निर्मला तिर्की ने बताया कि यह मूर्ति क्लोरीटाइड फाइलाइट से बनायी गयी है. क्लोरीटाइड फाइलाइट एक प्रकार का आग्नेय चट्टान होता, जो मैग्मा अथवा लावा से बनता है. मूर्ति के जांच के लिए इस कार्य के लिए पुरातत्व विभाग की 4 सदस्यीय टीम पाकुड़ गयी थी. जांच दल में सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ नीरज कुमार मिश्रा, हिंदुस्तानीय पुरातत्व के प्रारूपक महावीर कुमार ब्रह्मचारी, पुरातत्व निदेशालय के ऑफिशियल मनोज कुमार पासवान के अलावा संग्रहालय विज्ञान एवं पुरातत्व विशेषज्ञ निर्मला तिर्की भी शामिल थीं.
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