Hot News

प्रशांत किशोर खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन…, जदयू ने जन सुराज की फंडिंग पर उठाया सवाल

Prashant Kishor Party Funding: जदयू ने सोमवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की फंडिंग से लेकर उसकी नेतृत्वक गतिविधियों पर सवाल उठाए. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर की नेतृत्वक गतिविधियों एवं जन सुराज और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह जताते हुए कहा कि जन सुराज पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा तक सामने नहीं आता. प्रशांत किशोर स्वयं को पार्टी का संरक्षक बताते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के दस्तावेजों में उनका नाम तक दर्ज नहीं है. इससे पार्टी के वास्तविक नेतृत्व और नियंत्रण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. नीरज कुमार ने कई दस्तावेज दिखाते हुए आरोप लगाया कि नेतृत्वक उद्देश्यों के लिए एनजीओ का इस्तेमाल कानूनी और नैतिक रूप से गलत है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस एनजीओ को 48.75 करोड़ रुपए की डोनेशन प्राप्त हुई, जिसमें सबसे बड़ा डोनेशन (14 करोड़ रुपए) रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त हुआ. बिहार की नेतृत्व के लिए ज्यादातर चंदा तेलंगाना और हैदराबाद की कंपनियों से क्यों आ रहा है? यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है.

खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन…

नीरज कुमार ने यह भी कहा कि कंपनियों की वास्तविक पूंजी बहुत कम है, लेकिन उन्होंने करोड़ों रुपए का दान दिया है. ‘रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ जैसी कंपनियों के नाम और निदेशक बार-बार बदले गए हैं. प्रशांत किशोर खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन उनकी पदयात्रा पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें

सार्वजनिक करनी चाहिए वित्तीय जानकारी

‘ज्वाय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन’ एक चैरिटेबल संस्था के रूप में पंजीकृत है, लेकिन इसे नेतृत्वक कार्यों में लिप्त पाया गया है. इसके निदेशक हर दो से तीन वर्षों में बदल दिए जाते हैं, जिससे जवाबदेही तय न हो सके. इस एनजीओ के माध्यम से प्रशांत किशोर की पार्टी को अपारदर्शी रूप से फंडिंग दी जा रही है. यदि प्रशांत किशोर पारदर्शिता की बात करते हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी की वित्तीय जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

नीरज कुमार ने कहा कि क्या प्रशांत किशोर बिहार में कॉर्पोरेट लॉबी का नया नेतृत्वक मॉडल ला रहे हैं? प्रशांत किशोर द्वारा प्रस्तुत नेतृत्वक बदलाव का मॉडल संदेह के घेरे में है. यदि वे सच में बिहार के भविष्य के लिए काम कर रहे हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी की वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए. अन्यथा, यह पूरा अभियान सिर्फ एक नेतृत्वक स्टंट और कॉर्पोरेट लॉबी का स्पोर्ट्स प्रतीत होता है.

इसे भी पढ़ें: नीतीश कुमार गया को देंगे लावाबार बियर बांध की सौगात, साढ़े चार सौ एकड़ भूमि होगी सिंचित

The post प्रशांत किशोर खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन…, जदयू ने जन सुराज की फंडिंग पर उठाया सवाल appeared first on Naya Vichar.

Spread the love

विनोद झा
संपादक नया विचार

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top