फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे अभियान की शुरुआत
कटिहार. जिले में फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने व संभावित मरीजों की पहचान के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग जल्द ही नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान शुरू करेगा. इस अभियान के संचालन से पहले सदर अस्पताल सभागार में सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह, अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों व पिरामल हेल्थ टीम ने प्रतिभागियों को सर्वे की प्रक्रिया और तकनीकी जानकारी दी. बताया गया कि सर्वे के दौरान रात 8:30 बजे के बाद सामान्य लोगों से कुछ बूंद रक्त का सैंपल लिया जायेगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं या नहीं.
20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त नमूने लेकर की जायेगी माइक्रोस्कोपिक जांच
डॉ सिंह ने बताया कि फाइलेरिया दवा सेवन अभियान (एमडीए) शुरू करने से पहले जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में नाइट ब्लड सर्वे किया जायेगा. इसके लिए प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त नमूने लेकर माइक्रोस्कोपिक जांच करेंगे. यदि किसी क्षेत्र में संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक पाई जाती है, तो वहां फरवरी 2026 में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा. प्रशिक्षण के दौरान भीडीसीओ एनके मिश्रा, भीडीसीओ सुप्रिया कुमारी, भीबीडी कंसल्टेंट जेपी महतो, पिरामल हेल्थ के प्रोग्राम लीड अभिजीत कुमार सिंह, प्रोग्राम ऑफिसर अभिमन्यु कुमार सहित जिले के सभी बीसीएम, भीबीडीएस, सीएचओ व आशा फेसिलिटेटर उपस्थित रहे. एनके मिश्रा ने बताया कि सर्वे की सफलता लैब टेक्नीशियन की सटीक जांच पर निर्भर करती है. इसलिए इस बार जांच नतीजों की क्रॉस-चेकिंग भी की जायेगी. उन्होंने कहा कि समय पर दवा का सेवन करने से फाइलेरिया संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सकता है. लोग हाथी पांव, हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं. डॉ जेपी सिंह ने आम लोगों से अपील की कि वे नाइट ब्लड सर्वे के दौरान आगे आकर रक्त जांच अवश्य करायें. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद होंगे तो दवा सेवन से वे नष्ट हो जायेंगे, जिससे व्यक्ति भविष्य में इस बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. उन्होंने कहा कि सामूहिक भागीदारी से ही जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सकता है.
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