बसंतराय एटिक सेंटर में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण गोड्डा द्वारा सोमवार को तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया. प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पवन कुमार कापरी ने आत्मा द्वारा संचालित प्रशिक्षण, परिभ्रमण, प्रत्यक्षण और किसान समृध्दि योजना के बारे में किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी. किसानों को प्राकृतिक खेती, मिट्टी परीक्षण, पोषक तत्वों की जानकारी, जलवायु परिवर्तन और अन्य कृषि संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. बीटीएम ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में बताया, जिसमें जमीन की उर्वरा शक्ति का संरक्षण और रसायनिक खेती के नुकसान से बचाव कैसे किया जाता है. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है, बल्कि वह मानव और पशुओं पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता. इसके अलावा मिट्टी में पाए जाने वाले 16 पोषक तत्वों के संरक्षण का उपाय भी बताया गया. बीटीएम ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की. साथ ही कहा कि गौमूत्र आधारित बिजामृत से बीज उपचार करने के फायदे बताये, जिससे पौधों में रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है और फसलों पर रोग का असर कम होता है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को बेहतर कृषि तकनीकी से अवगत कराकर उनकी फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाना था. उद्यान मित्र नकुल दास ने जिला उद्यान कार्यालय से संचालित उद्यान विकास योजना एवं राज्य बागवानी मिशन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. मौके पर कृषक मित्र कृष्ण कुमार कौशल, शबनम आरा, बेनु शंकर, मो खुर्शीद आलम, प्रमोद कुमार, मो अफजल, मो खुर्शीद, महेश कुमार, मो हासिम मौजूद थे.
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