संवाददाता सीवान. जीरादेई थाना के भैंसाखाल बालिका गृह से 20 मार्च की रात में 13 लड़कियों के गायब होने पर भाकपा माले ने प्रशासन को आड़े हाथ लिया है. माले के जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा है कि स्थानीय विधायक अमरजीत कुशवाहा, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव व स्त्री नेता मंजीता कौर सहित पांच सदस्यीय टीम जांच करने गयी तो जिला प्रशासन अंदर जाने से रोक दिया. सिर्फ विधायक को भी नहीं जाने दिया गया. जिसके खिलाफ गेट पर ही धरना पर देर रात तक बैठ गये. बावजूद प्रशासन नहीं सुना सचिव ने कहा है कि घटना से कई तरह का सवाल पैदा होता है. माले ने प्रशासन से पूछा है कि जब बालिका गृह की चहार दीवारी करीब 20 फुट ऊंचा है और उसके ऊपर कांट वाला तार घेरा हुआ है तो इतनी ऊंचाई कैसे पार कर बच्चियां भाग गयीं. माले ने मांग किया है कि यह बड़ी घटना है. जिला प्रशासन और बिहार प्रशासन के बड़े प्रोफाइल वाले लोगों की मिलीभगत से यह घटना हुई है. माले ने प्रतिवाद मार्च के माध्यम से मांग किया है कि बालिका गृह से 13 लड़कियों के गायब होने की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कर दोषी पुलिस पदाधिकारी या व्यक्ति को कठोर सजा दिया जाय. मौके पर पूर्व जिला परिषद सुजीत कुशवाहा, पूर्व जिला परिषद योगिंद्र यादव, प्रिंस पासवान, महफूज आलम, सुनील पासवान, विशाल यादव, मनोज बैठा, कुंती यादव इत्यादि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
The post बालिका गृह मामले में माले का प्रतिवाद मार्च appeared first on Naya Vichar.