Bihar News: मुजफ्फरपुर का रेड लाइट एरिया अब बदनाम गलियों से आगे बढ़कर शिक्षा की नई इबारत लिख रहा है. पुलिस अधिकारियों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सलाहकार नसीमा खातून की पहल से यहां बदलाव की लहर दौड़ पड़ी है. 15 जनवरी 2023 को कन्हौली ओपी में शुरू की गई पुलिस पाठशाला अब इन बच्चों की तकदीर बदल रही है.
पहले जो शिशु अनिश्चित भविष्य के साथ गलियों में भटकते थे, वे अब अनुशासन और शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं. पुलिस अधिकारी खुद यहां आकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, उनके माता-पिता को समझाकर शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं. महज एक साल में यह प्रयास रंग लाने लगा है और अब 30 से अधिक शिशु नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
तकनीकी शिक्षा से भी जुड़ रहे शिशु
पुलिस पाठशाला में कंप्यूटर शिक्षा की भी शुरुआत हो चुकी है. एक बैंककर्मी द्वारा दान किए गए कंप्यूटर से बच्चों को सप्ताह में तीन दिन बेसिक कंप्यूटर ट्रेनिंग दी जा रही है. एसएसपी विश्वजीत दयाल खुद बच्चों को कंप्यूटर के महत्व के बारे में बता चुके हैं, जिससे उनमें तकनीकी शिक्षा को लेकर उत्साह बढ़ा है.
बच्चों की माताएं भी आत्मनिर्भर बनने की राह पर
बदलाव की इस बयार में सिर्फ शिशु ही नहीं, बल्कि उनकी माताएं भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं. जीविका समूह से जुड़कर वे सिलाई, कढ़ाई और स्वरोजगार के नए अवसर तलाश रही हैं. स्त्रीओं के सिलाई समूह को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने लगे हैं, वहीं कुछ स्त्रीएं खाने-पीने के स्टॉल लगाने की तैयारी में हैं.
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समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की उम्मीद
सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून का कहना है कि आने वाले समय में यह इलाका अपनी पुरानी छवि से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा. यहां के शिशु शिक्षा और हुनर के सहारे अपनी अलग पहचान बनाएंगे. पुलिस पाठशाला के माध्यम से यह बदलाव उम्मीदों की एक नई किरण लेकर आया है, जिससे समाज की मुख्यधारा में इन बच्चों को भी समान अवसर मिल सकें.
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