Buddha Purnima 2025: राजमहल (साहिबगंज), दीप सिंह- झारखंड में एकमात्र साहिबगंज जिले के राजमहल से प्रवाहित उत्तरवाहिनी गंगा घाट पर बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी एवं गैर आदिवासी श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था की डुबकी लगाई. स्थानीय पुरोहितों ने कहा कि वैशाख महीने की पूर्णिमा के मौके पर पवित्र गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. जीवन में संपन्नता, सुख-समृद्धि एवं शांति की भी प्राप्ति होती है. वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए इस दिन को विशेष रूप से बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है.
मन्नत पूरी होने पर बच्चों का हुआ मुंडन संस्कार
राजमहल अनुमंडल मुख्यालय सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र के अलावा बरहरवा, बोरियो, तालझारी, बोआरीजोर , लिट्टीपाड़ा, आमडापाड़ा, काठीकुंड, गोपीकांदर, दुमका व गोड्डा से आए श्रद्धालुओं ने राजमहल के सूर्य देव घाट, गुदाराघाट, कालीघाट व महाजनटोली घाट में गंगा स्नान के बाद गंगा पूजन एवं स्थानीय मंदिरों में पूजा-अर्चना की. मां गंगा से की गई मन्नत पूरी होने पर कई लोगों ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया.
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धर्मगुरुओं के साथ किया गंगा स्नान एवं गंगा पूजन
साफा होड़ आदिवासियों ने अपने-अपने धर्मगुरुओं के साथ गंगा स्नान एवं गंगा पूजन किया. लोटा में जल भरकर गंगा तट पर अखाड़ा लगाते हुए मां गंगा मरांग गुरू रूपी भगवान शिव, भगवान श्री राम की पूजा-अर्चना कर आराधना की. शिष्यों के माध्यम से गुरु को अपने कष्ट की जानकारी देकर निवारण का आग्रह किया तो गुरु ने बेंत से मां गंगा को आह्वान करते हुए कष्ट का निवारण किया. पूरा दिन शहर अतिरिक्त वाहनों के प्रवेश से अस्त-व्यस्त रहा. स्टेशन चौक एवं गांधी चौक में कई बार जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी.
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