तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शिक्षक डॉ. दिव्यानंद के तबादले से नाराज छात्र-छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है. विभाग में तालाबंदी कर हेड व शिक्षकों को सोमवार को छात्रों बाहर कर दिया. इसके बाद विभाग के बाहर करीब 50 छात्रों ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है. मंगलवार को भी अनशन जारी रहा. इस दौरान छात्रों की तबीयत बिगड़ने की भी शिकायत मिली जिसके बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे. वहीं विश्वविद्यालय की तरफ से पदाधिकारी भी पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया.
क्या है अनशन पर बैठे छात्रों की मांग
अनशन पर बैठे छात्रों की मांग है कि शिक्षक डॉ. दिव्यानंद का तबादला रद्द किया जाए. छात्रों ने आरोप लगाया कि पूरे मामले को एक साजिश के तहत नेतृत्व रूप दिया जा रहा है. इसी के तहत वीडियो वायरल कर शिक्षक को बदनाम किया गया है. कहा कि जबतक शिक्षक को विभाग वापस नहीं किया जाता है, तबतक अनशन जारी रहेगा.
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नहीं बनी बात, तो लौटे डीएसडब्ल्यू और प्रॉक्टर
अनशन पर बैठे छात्रों से बातचीत करने के लिए डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार और प्रॉक्टर डॉ अर्चना साह सोमवार को विभाग पहुंचे थे, लेकिन बात नहीं बनी. वार्ता के क्रम में छात्रों ने अधिकारियों से कहा कि शिक्षक निर्दोष हैं. हमलोगों ने जन्मदिन मनाया, लेकिन कुछ लोग गलत तरह से चीजों को वायरल किया. शिक्षक को अविलंब विभाग भेजा जायेगा. इसका आश्वासन मिलने के बाद ही आगे की बात होगी. इसी बीच कुछ विद्यार्थी आक्रोशित हो गये. अधिकारियों से तीखी बहस भी हो गयी. वहीं मंगलवार को प्रॉक्टर के साथ बीएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक ठाकुर छात्रों को समझाने-बुझाने पहुंचे थे.

विश्वविद्यालय प्रशासन निर्णय पर करे पुनर्विचार – शिक्षिका
इधर, हिंदी विभाग की शिक्षिका प्रो. नीलू कुमारी ने कुलपति को आवेदन देकर कहा कि तबादले के निर्णय पर पुनर्विचार करे. अच्छे व ईमानदार शिक्षक का स्थानांतरण किया गया है. विभाग के हित को देखते हुए पुनर्विचार करने की मांग की. साथ ही जांच कमेटी के एक सदस्य पर अपमानित करने का आरोप भी लगाया है. कहा कि अमुख सदस्य द्वारा पूछताछ के क्रम में गलत तरीके से व्यवहार किया गया.
समझाने पर नहीं सुन रहे विद्यार्थी – हेड
विभाग की हेड प्रो. नीलम महतो ने कहा कि विद्यार्थियों को समझाया गया, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं हैं. इसकी जानकारी विवि प्रशासन को दी गयी है. मामले को लेकर कुलपति से मिलने उनके आवासीय कार्यालय गये थे, लेकिन मीटिंग की व्यस्त रहने के कारण कुलपति से मुलाकात नहीं हो पायी. वहां से लौट गये. कहा कि विद्यार्थियों ने विभाग को बंद करा दिया है. ऐसे में पठन-पाठन भी बाधित है. आंदोलन के कारण शिक्षकों को भी बाहर ही रहना पड़ रहा है.
प्रकरण को तूल देने में शामिल लोगों की जा रही पहचान, बनेगी जांच कमेटी
पीजी हिंदी विभाग मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा कि हर हाल में स्थानांतरित शिक्षक को योगदान करना होगा. विश्वविद्यालय के आदेश का अवहेलना पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है. जेपी कॉलेज नारायणपुर के प्रभारी प्राचार्य को स्थानांतरित हिंदी के शिक्षक डॉ दिव्यानंद के योगदान संबंधी सूचना हेडक्वार्टर को देने का निर्देश दिया गया है. कुलपति के हवाले से पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि हिंदी विभाग में तलवार से केक काटने के मामले में विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है. इसका असर शैक्षणिक व प्रशासनिक वातावरण पर भी पड़ा है. अनुशासन तोड़ने वाले दंडित होंगे, बख्शे नहीं जायेंगे. प्रकरण को तूल देने व इसमें शामिल अन्य लोगों की भी शिनाख्त एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर करायी जायेगी.
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