– खेतों में पड़ी दरार, किसान भविष्य को लेकर चिंतित सुपौल. जिले में भीषण गर्मी ने अब पूरी तरह से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को पछुआ हवा के साथ तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान भी 29 डिग्री दर्ज किया गया. चिलचिलाती धूप और ऊमस ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है. लोग दिनभर पंखा और कूलर के सहारे ही घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. बीएसएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं पर्यावरणविद डॉ संजीव कुमार ने कहा कि इस वर्ष गर्मी का प्रकोप कुछ ज्यादा ही महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार पेड़-पौधों की कटाई और पर्यावरणीय असंतुलन इसके लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते हम नहीं जागे, तो आने वाले वर्षों में तापमान 55 से 60 डिग्री तक पहुंच सकता है, जो मानव जीवन के लिए घातक होगा. डॉ कुमार ने लोगों से अपील की कि आगामी बारिश में कम से कम दो पौधे जरूर लगाएं. उन्होंने कहा, प्रशासन पर पूरी तरह निर्भर रहना उचित नहीं है, अब लोगों को खुद जिम्मेदारी लेनी होगी. बस स्टैंड पर सन्नाटा, यात्री संख्या में भारी गिरावट जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड इन दिनों वीरान नजर आ रहा है. गुरुवार को बस स्टैंड पर महज तीन बसें खड़ी थी. एक एजेंट ने बताया कि तेज गर्मी के कारण एसी बसें भी खाली जा रही हैं, जबकि सामान्य बसों की स्थिति और भी खराब है. डीजल की लागत तक नहीं निकल पा रही है. जहां पहले रोजाना 1000 से अधिक यात्री सफर करते थे, अब यह संख्या घटकर 100 से 200 के बीच रह गई है. किसानों की चिंता बढ़ी, खेतों में जल रहा धान का बिचड़ा किसान रामनरेश यादव ने बताया कि इस बार की गर्मी ने खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि मई के अंत तक आमतौर पर धान का बीज तैयार हो जाता था, लेकिन इस बार लगातार गर्मी और पानी की कमी के कारण बिचड़ा खेत में ही जलकर सूख गया. उन्होंने बताया कि ढाई कट्ठा खेत में बिचड़ा लगाने के लिए करीब 7 से 8 हजार रुपये खर्च हुए, लेकिन नतीजा शून्य रहा. खेत में जो कुछ बचा है, वह भी अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है. 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा तापमान कृषि मौसम वैज्ञानिक अशोक पंडित ने बताया कि गुरुवार को जिले में इस वर्ष का सबसे अधिक 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि हीटवेव की स्थिति को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक अलर्ट जारी किया गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: दोपहर में घर से न निकलें चिकित्सक डॉ विनय ने कहा कि 40 डिग्री से ऊपर तापमान पहुंचने पर शरीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में चला जाता है. इससे चक्कर आना, गाढ़ा पेशाब, सलीवा सूखना और बेहोशी जैसे लक्षण सामने आते हैं. उन्होंने लोगों को सलाह दी कि दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, अधिक मात्रा में पानी पीएं और लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से संपर्क करें.
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