भोरे. भोरे बाजार और आसपास के इलाकों में बिना प्रदूषण जांच के दर्जनों फर्जी पैथोलॉजी सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं. इसको लेकर आम लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गयी शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच का आदेश दिया है. शिकायत में कहा गया है कि भोरे बाजार में बिना प्रदूषण जांच के पैथोलॉजी लैब चलाये जा रहे हैं, जहां गरीब मरीजों को इलाज के नाम पर ठगा जा रहा है. इन लैबों में जांच की कोई प्रामाणिकता नहीं है और फर्जी रिपोर्ट देकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. शिकायतकर्ता के अनुसार, एक जांच की किट 60-75 रुपये की आती है, लेकिन फर्जी लैब वाले 500 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक वसूलते हैं. इतना ही नहीं, इनमें से कई लैब प्रदूषण विभाग से प्रमाणित भी नहीं हैं.
पहले भी दो बार हो चुकी है जांच
लाेगों का आरोप है कि इससे पूर्व भी दो बार इन लैबों की जांच करायी गयी थी, लेकिन जांच के नाम पर हर बार सिर्फ मैनेज का स्पोर्ट्स चलता रहा. इस बार मुख्य सचिव, बिहार और मुख्यमंत्री सचिवालय के आदेश पर सिविल सर्जन गोपालगंज ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल भोरे को तीन दिनों के अंदर स्पष्ट रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
इन लैबों के नाम शामिल
शिवम जांच घर, ग्लोबल पैथोलॉजी, अपना जांच घर, स्टर पैथोलॉजी, मेडिको हेल्थ जांच घर, दिव्या जांच घर, दिल्ली जांच घर, दुर्गा पैथोलॉजी, महादेवी जांच घर, मुसहरी लैब, एशिना जांच घर, महावीर एक्स-रे, हिंदुस्तान पैथोलॉजी, आकाश एक्स-रे समेत कुल 16 जांच केंद्रों के नाम सूची में शामिल हैं.
लोगों ने की कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इन फर्जी लैबों पर सख्त कार्रवाई की जाये, ताकि गरीब मरीजों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़ बंद हो सके.
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