मधेपुरा: चार साल पहले हुई एक नाबालिग की हत्या मामले में मधेपुरा सत्र न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है. पीड़ित परिवार को चार साल बाद न्याया मिला है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के पीरनगर गांव का है. यहां के निवासी मो. आलम की पत्नी शबाना खातून ने अप्रैल 2021 में अपने 17 वर्षीय बेटे मोहम्मद नेहाल की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. शबाना खातून के अनुसार, 2 अप्रैल की शाम नेहाल किसी फोन कॉल के बाद घर से बाहर निकला और फिर वापस नहीं लौटा. अगली सुबह उसकी छोटी बहन ने अखाड़ा के पास उसका गला कटा शव देखा. इसके बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई.
50-50 हजार का जुर्माना भी लगा
गुरुवार को मधेपुरा सत्र न्यायालय की एडीजे-9 रधुवीर प्रसाद की अदालत ने तीनों आरोपियों मोहम्मद कामरान, मोहम्मद शहाबुद्दीन और मुहम्मद जमालुद्दीन को दोषी करार दिया. अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई और हर एक पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कैसे मिली सजा?
पुलिस ने इस मामले में कॉल डिटेल और तकनीकी सबूतों के आधार पर जांच की. प्रॉसिक्यूशन की ओर से एपीपी जयनारायण पंडित ने केस को मजबूत तरीके से पेश किया. कोर्ट में कुल आठ गवाहों ने अपना बयान दिया. दोनों पक्षों की तर्क सुनने के बाद अदालत ने तीनों को दोषी पाया और इसके बाद सजा सुनाई.
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सच की हुई जीत:पीड़ित परिवार
फैसले के बाद पीड़ित की मां शबाना खातून ने कहा कि चार साल तक इंतजार किया, लेकिन हमें अब जाकर न्याय मिला. हमारे बेटे को साजिश के तहत मारा गया था और अब दोषियों को उनकी सजा मिली है.
(सुमेधा श्री की रिपोर्ट)
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