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Jaish-e-Mohammed-LeT : 6-7 मई की रात को हिंदुस्तानीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ पीओके और पाकिस्तान की सीमा के अंदर स्ट्राइक किया और प्रमुख आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के हेडक्वार्टर और कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. इन ठिकानों के जरिए ये आतंकवादी संगठन आतंकियों की भरती करते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देते हैं और साथ ही उन्हें हिंदुस्तान भेजकर आतंकवाद फैलाते हैं. जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा आतंकवादियों का बड़ा खतरनाक संगठन हैं, जिनके अधीन कई छोटे-छोटे आतंकवादी संगठन पल रहे हैं.
जैश ए मोहम्मद का संस्थापक है मसूद ए अजहर
जैश ए मोहम्मद का निर्माण ही कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करने के लिए किया गया है. जैश ए मोहम्मद की स्थापना वर्ष 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने की थी. मसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहने वाला है और इसी बहावलपुर में उसका हेडक्वार्टर था,जिसे हिंदुस्तानीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मटियामेट कर दिया है. अजहर मसूद ने हिंदुस्तानीय में हुए कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था, जिनमें प्रमुख हैं- 2001 में हिंदुस्तानीय संसद पर हमला. 2016: पठानकोट एयरबेस पर हमला और तीसरा 2019: पुलवामा आत्मघाती हमला , जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.
कौन है मसूद अजहर और उसने क्यों की जैश ए मोहम्मद की स्थापना
मसूद अजहर खुद को इस्लाम का स्काॅलर मानता है. वह एक मौलाना है. लेकिन वह शुरुआत से ही नफरती विचारधारा का था और उसने इस्लामिक सिद्धांतों को विकृत रूप में या गलत तरीके से प्रचारित किया है. वह जिहाद के जरिए मुसलमान युवाओं को भ्रमित करता है और उनके जरिए वह कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करवाना चाहता है. उसकी सोच यह है कि कश्मीर का मुसलमान अभी हिंदुओं की गुलामी कर रहा है और उन्हें आजाद कराना जरूरी है. इसी सोच के साथ वह पाकिस्तान से हिंदुस्तान आया था और उसने यहां आतंकी संगठन हरकत उल अंसार को ज्वाइन कर लिया था. वह एक पत्रकार के रूप में हिंदुस्तान में फर्जी पहचान पत्र के जरिए दाखिल हुआ था. वह हरकत उल अंसार में लड़ाकू की भरती करवा रहा था ताकि इस्लामिक जिहाद को मजबूत किया जा सके और कश्मीर हिंदुस्तान से अलग हो जाए. लेकिन हिंदुस्तानीय संगठनों को उसपर शक हुआ, क्योंकि उसने हिंदुस्तान की संप्रभुता को चुनौती दी थी, उसके बाद 11 फरवरी 1994 को मसूद अजहर को श्रीनगर में गिरफ्तार कर लिया गया था. अगर उस वक्त मसूद अजहर जेल से रिहा ना हुआ हो, तो शायद जैश ए मोहम्मद का आतंकवाद इतना ना बढ़ा होता, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 का अपहरण हुआ और आतंकियों ने हवाई जहाज के यात्रियों की जीवनरक्षा के एवज में मसूद अजहर और दो अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी की मांग प्रशासन से की. प्रशासन को मजबूरन मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा क्योंकि यात्रियों के जीवन की बात थी.
जैश ए मोहम्मद की स्थापना का उद्देश्य
1999 में मसूद अजहर की रिहाई हुई और 2000 में उसने बिहावलपुर में जैश ए मोहम्मद की स्थापना की, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना था. साथ ही वह हिंदुस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथ को भी बढ़ाना चाहता था. वह हिंदुस्तान में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहता था, ताकि काफिरों के देश में अशांति हो. मौलाना मसूद अजहर के खतरनाक इरादों को भांपकर हिंदुस्तानीय प्रशासन ने इस बात की कोशिश की कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए और हिंदुस्तान के इस पहल को 2019 में सफलता मिली जब संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित कर दिया.
लश्कर-ए-तैयबा का उद्देश्य विश्व में इस्लामिक राज की स्थापना
लश्कर ए तैयबा पाकिस्तान का एक ऐसा आतंकी संगठन है, जो पूरे विश्व में इस्लामिक राज स्थापित करने के सपने देखता है.लश्कर ए तैयबा का का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद और अब्दुल्ला आजम है. लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय भी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर के पास मुरीदके में स्थित है. हिंदुस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लश्कर ए तैयबा के के हेडक्वार्टर को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. लश्कर ए तैयबा की स्थापना 1987 में मोहम्मद हाफिज सईद और अब्दुल्ला आजम ने की थी. जैश ए मोहम्मद की तरह ही इनका उद्देश्य भी जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना और हिंदुस्तान के खिलाफ जिहाद करना था.
कौन है मोहम्मद हाफिज सईद और हिंदुस्तान के खिलाफ उसके मन में क्यों है इतना जहर
मोहम्मद हाफिज सईद पाकिस्तान का एक कट्टरपंथी इस्लामिक नेता है, जो पूरे विश्व में इस्लाम का राज चाहता है. उसने जमात उद दावा की भी नींव रखी है, जो एक आतंकी संगठन है. वह हिंदुस्तान के सबसे अधिक वांछित नेताओं में शामिल है. उसने इस्लाम की धार्मिक शिक्षा ली है. वह सऊदी अरब से भी धार्मिक शिक्षा लेकर आया है. उसका जन्म पाकिस्तान के सारगोधा, पंजाब में हुआ है. हाफिज सईद कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना चाहता है, क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल इलाका है. वह हिंदुस्तान को काफिरों का देश मानता है और वह काफिरों के खिलाफ धार्मिक युद्ध की बात करता है. इसी वजह से वह गजवा ए हिंद की वकालत करता है. गजवा पैगंबर साहब द्वारा लड़े गए युद्ध को कहते हैं. कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी संगठन गजवा ए हिंद यानी हिंदुस्तान के साथ धर्म युद्ध की बात करके युवाओं को भ्रमित करते हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर लेकर जाते हैं. इस काम में लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, अलकायदा और आईएस जैसे संगठन जुटे हुए हैं, जबकि इस्लाम इस तरह की कोई बात नहीं कहता है. मोहम्मद हाफिज को पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है और वे इन आतंकवादी संगठनों के जरिए हिंदुस्तान से छद्म युद्ध यानी पाॅक्सी वार करते हैं. हाफिज सईद ने 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 170 लोगों की मौत हुई थी. वह 2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले का भी दोषी है, इस घटना में 30 लोगों की मौत हुई थी. मोहम्मद हाफिज ने कसाब जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग दी है और उनसे घृणित और हिंदुस्तान विरोधी कार्य करवाया है.
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