Pappu yadav: पूर्णिया. महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के खिलाफ पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने मोर्चा खोल लिया है. पप्पू यादव ने इस प्रोजेक्ट को सीमांचल के लिए खतरनाक बताया है. इस मुद्दे पर पप्पू यादव को AIMIM का समर्थन मिला है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने आम सभा में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट से लाखों लोग तबाह हो जाएंगे. इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सदन में इस आगामी 10 मार्च से होने वाले सेशन में मजबूती से इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे. साथ ही साथ इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर सीमांचल की जनता को बर्बाद होने से बचाएंगे.
बायसी की जनसभा में पहुंचे हजारों लोग
पूर्णिया के बायसी में रविवार को महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के खिलाफ विशाल जनसभा का आयोजन हुआ. पूर्व मंत्री हाजी अब्दुस सुब्हान की अगुवाई में आयोजित इस आमसभा में हजारों लोग शामिल हुए. इसमें पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव, किशनगंज सांसद डॉ जावेद आज़ाद, अमौर एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान, कोचाधामन विधायक इजहार असफी, पूर्णिया ज़िला परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि गुलाम सरवर सहित बड़ी संख्या में सीमांचल के विभिन्न इलाकों से आए जिला पार्षद और मुखिया एंव मुखिया प्रतिनिधि शामिल हुए.
सीमांचल में हो रहा प्रोजेक्ट का विरोध
बिहार के पूर्णिया, किशनगंज तथा कटिहार जिले के 5 विधानसभा से गुजरने वाली महानंदा बेसिन प्रॉजेक्ट के खिलाफ सीमांचल की आम आवाम के साथ ये सभी प्रतिनिधि खड़े हैं. इनका मानना है कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट बन जाने से करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित होगी. न केवल खेतों की ज़मीन नदियों में लीन हो जाएगी बल्कि लाखों घर नदी में समा जाएंगे. जिसके विरोध में सीमांचल का ये बड़ा हिस्सा प्रशासन से योजना में बदलाव करने की मांग कर रहा है.
प्रोजेक्ट में हुए बदलाव से नाराज हैं लोग
बांध रोको संघर्ष समिति के संयोजक पूर्व मंत्री हाजी सुब्हान ने बताया कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट को पूर्व सांसद स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन ने लाया था, जिससे सीमांचल में बाढ़ से होने वाले कटाव का दंश न झेलना पड़े. तस्लीमुद्दीन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में विभाग ने ऐसा बदलाव कर दिया. जिससे सीमांचल के 10 लाख की आबादी प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि तस्लीमुद्दीन के प्रोजेक्ट में महानंदा, कंकई तथा परमान नदी के तट को बोल्डर पिचिंग कर बांधने का प्रस्ताव था, जो करीब 50 किलोमीटर लंबा है. यह प्रोजेक्ट किशनगंज से शुरू होकर पूर्णिया होते हुए कटिहार तक जाता है.
बांध का पहले नहीं था प्रस्ताव
पूर्व मंत्री हाजी सुब्हान ने बताया कि अब विभाग ने इस प्रोजेक्ट में बांध निर्माण योजना बना डाली. इसमें नदी से किलोमीटर दूर तक बांध निर्माण करना है. इस निर्माण से महानंदा से बांध के बीच हजारों एकड़ में बसे लोग और उनकी जमीनें नदी में समा जाएंगी. इतना ही नहीं वर्तमान स्थिति में बांध सिर्फ महानंदा नदी में बनेगा तो कई और परमान नदी की धारा पूरे इलाके में प्रवेश कर इलाके को बर्बाद कर देगी. इसी के विरोध में आम सभा सीमांचल में महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट निर्माण के खिलाफ है. हाजी सुब्हान ने कहा कि हम जेसीबी के नीचे सोकर जान दे देंगे लेकिन ये निर्माण होने नहीं देंगे.
सीमांचल को इससे नुकसान है
एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि सीमांचल में महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट से काफी नुकसान है. अगर इसके प्रस्ताव में बदलाव होता है तो हो निर्माण होगा. इसके लिए विभाग को जानकारी लेकर बोल्डर पिचिंग का कार्य करना चाहिए. नदी में गहराई कर गाद निकाले , जिससे नदी की गहराई बढ़े और पानी सीधे बंगाल की खाड़ी में रुख कर के अगर महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट इसी फॉर्मेट में निर्माण होता है तो सीमांचल बर्बाद हो जाएगा. हम इसे बर्बाद होने नहीं देंगे.
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