Pratapgarh Triple Death: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लीलापुर थाना क्षेत्र के सगरासुंदरपुर गांव में गुरुवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक ही परिवार के तीन सदस्य—मां, बेटा और बहू—अपने ही घर में मृत पाए गए. घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है. घर की पहली मंजिल पर मृतक आशा देवी (48), उनका बेटा अंकित पटवा (26) और बहू रिया (22) मृत अवस्था में मिले, जबकि छह माह का मासूम बच्चा मृतका की लाश से लिपटकर लगातार रोता मिला. पुलिस को आशंका है कि तीनों की मौत किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई है. हालांकि यह अब तक साफ नहीं हो सका है कि जहर किसी ने दिया या वे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए.
रात को खाई गई मिठाई, जूस और खाना; सभी खाद्य सामग्री जांच के घेरे में
फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से मिठाई का डिब्बा, आम, मुसम्मी का जूस, सब्ज़ी, रोटी, चावल और कोल्ड ड्रिंक मिले. प्राथमिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि ये खाद्य सामग्री रात में ही खाई गई थी. लेकिन, इनमें कौन-सी चीज़ ज़हर का कारण बनी, यह स्पष्ट नहीं हो सका है. पुलिस इस बिंदु पर भी काम कर रही है कि कहीं जानबूझकर तो इन चीज़ों में जहरीला पदार्थ नहीं मिलाया गया. हालांकि, मौके से ऐसा कोई पैकेट नहीं मिला, जिससे यह पुष्टि हो सके.
पड़ोसियों ने जताई साजिश की आशंका, जमीन विवाद जांच के दायरे में
मृतक अंकित के ससुरालवालों ने बताया कि पड़ोसियों धर्मेंद्र पटवा और राजकुमार से लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था. वर्ष 2011 में धर्मेंद्र और आशा देवी ने एक जमीन का बैनामा मिलकर कराया था. घटना की सुबह धर्मेंद्र और राजकुमार के परिवार के सदस्य भी नजर नहीं आए, जिससे पुलिस का शक और गहरा हो गया. दोपहर में पुलिस ने धर्मेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. जमीन विवाद को मुख्य आधार मानकर पुलिस उसकी कड़ियां जोड़ रही है.
अंधविश्वास में डूबा था अंकित, झाड़फूंक करने वाला भी पुलिस रडार पर
घटना की जांच करते हुए पुलिस की नजर एक झाड़फूंक करने वाले व्यक्ति पर भी गई है, जो अंकित के हर धार्मिक व पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल रहता था. शादी से लेकर शिशु के जन्म तक उसने झाड़फूंक के माध्यम से अंकित का विश्वास जीता था. घटना वाली रात आठ बजे अंकित की उससे करीब दस मिनट बातचीत भी हुई थी. जब पुलिस ने उसकी तलाश की, तो पता चला कि वह इस समय जिले से बाहर है. उसका फोन और लोकेशन अब जांच का हिस्सा है.
सुबह दुकान नहीं खुली, दूधवाले ने जताया शक
बृहस्पतिवार सुबह जब रोजाना दूध देने वाला युवक घर पहुंचा, तो देखा कि अंकित की दुकान का शटर आधा खुला है लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आ रही. उसने कई बार आवाज दी लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला. इसके बाद उसने पड़ोसी अशोक जायसवाल को जानकारी दी. दोनों जब भीतर पहुंचे तो देखा कि तीनों के शव बेड पर पड़े हैं और मासूम कार्तिक अपनी मां से लिपटकर रो रहा है. इसके बाद सूचना चौकी पुलिस को दी गई, जिसने पूरे घर की तलाशी शुरू की.
फॉरेंसिक टीम ने की बारीकी से जांच, विसरा भेजा गया लैब
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रतापगढ़ एसपी डॉ. अनिल कुमार, सीओ रामसूरत सोनकर और एएसपी संजय राय खुद मौके पर पहुंचे. फॉरेंसिक टीम ने मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए हैं. तीनों शवों का वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया और विसरा सुरक्षित कर आगे की जांच में लगाया गया है. मौत का कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है लेकिन जहरीले पदार्थ के सेवन की आशंका सबसे प्रबल है.
मासूम की चीखें, बुजुर्ग की चुप्पी: दिल दहला देने वाला दृश्य
घटना के वक्त घर में मौजूद 70 वर्षीय यशोदा देवी, जो आशा देवी की मां हैं, नीचे के कमरे में सो रही थीं. उन्होंने जब ऊपर जाकर दृश्य देखा तो उनके होश उड़ गए. मानसिक रूप से अस्वस्थ यशोदा देवी अपनों के शवों को बस निहारती रहीं. छह माह के कार्तिक की रोने की आवाजें हर किसी की आंखें नम कर रही थीं. बाद में पुलिस शिशु को लालगंज सीएचसी ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे सामान्य बताया.
सैकड़ों की भीड़ ने देखी शव यात्रा, गांव में पसरा मातम
जैसे ही घटना की समाचार फैली, सगरासुंदरपुर गांव में सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई. मृतक अंकित और उसके परिवार की इलाके में काफी अच्छी छवि थी. शवों को शाम को पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार के लिए ऋंग्वेरपुर घाट ले जाया गया. गांव में गमगीन माहौल है और हर कोई स्तब्ध है कि इतना शांत, सरल और मेहनती परिवार एक झटके में खत्म हो गया.
एसपी बोले—हर बिंदु पर हो रही गहन जांच
प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है. हर पहलू पर गहराई से जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फॉरेंसिक विश्लेषण और स्थानीय लोगों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
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