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माणिक भट्टाचार्य को नये खाते में मिला वेतन, आर्थिक तंगी से राहत

संवाददाता, कोलकाता शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद पलाशीपाड़ा से तृणमूल विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये थे. इसके चलते उन्हें विधानसभा से मिलने वाला वेतन और एक पूर्व शिक्षक के रूप में उनकी पेंशन नहीं मिल पा रही थी. जमानत पर रिहा होने के बावजूद आर्थिक तंगी का सामना कर रहे भट्टाचार्य ने बकाया वेतन के भुगतान के लिए विधानसभा सचिवालय में आवेदन किया था. उनके आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद उन्हें जून की शुरुआत से विधानसभा से वेतन मिलना शुरू…

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संवाददाता, कोलकाता शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद पलाशीपाड़ा से तृणमूल विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये थे. इसके चलते उन्हें विधानसभा से मिलने वाला वेतन और एक पूर्व शिक्षक के रूप में उनकी पेंशन नहीं मिल पा रही थी. जमानत पर रिहा होने के बावजूद आर्थिक तंगी का सामना कर रहे भट्टाचार्य ने बकाया वेतन के भुगतान के लिए विधानसभा सचिवालय में आवेदन किया था. उनके आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद उन्हें जून की शुरुआत से विधानसभा से वेतन मिलना शुरू हो गया है. इसके लिए उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा स्थित हिंदुस्तानीय स्टेट बैंक की शाखा में एक नया बैंक खाता खोलना पड़ा. मई में खोला गया यह नया खाता अब उनके वेतन प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा रहा है. माणिक भट्टाचार्य ने बताया कि इडी अभी तक मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं कर पायी है. हालांकि, मेरे निजी बैंक खाते फ्रीज कर दिये गये हैं, जिसके कारण मैं बेहद आर्थिक संकट में हूं. वेतन बंद, पेंशन बंद. यह कब तक चलेगा? जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद माणिक भट्टाचार्य विधानसभा की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. वह विभिन्न समितियों की बैठकों और बजट सत्र में भी शामिल हुए थे, लेकिन बैंक खाते फ्रीज होने के कारण उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा था. भट्टाचार्य ने दावा किया कि इडी ने उनके विधायक के वेतन खाते और पूर्व प्रोफेसर के पेंशन खाते सहित सभी खातों को फ्रीज कर दिया था. इन खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए उन्हें उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें जांच एजेंसी में आवेदन करना और अदालत से अनुमति लेना शामिल है. इस प्रक्रिया में समय लगने के कारण उनके पास वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में नया खाता खोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. विधानसभा सचिवालय से अनुमति मिलने के बाद, मई में उन्होंने नया खाता खोला और जून की शुरुआत में उसमें वेतन जमा होने से उन्हें कुछ राहत मिली है. माणिक भट्टाचार्य ने कहा : मैं कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं. मैंने जीवित रहने के लिए नया बैंक खाता खोला है. यह मेरा संवैधानिक अधिकार है. उल्लेखनीय रहे कि शिक्षक नियुक्ति घोटाले में इडी ने माणिक भट्टाचार्य को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार किया था. उन्हें 12 सितंबर 2024 को कलकत्ता हाइकोर्ट से जमानत मिली है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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