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मुंगेर शहरवासियों की दूर नहीं हो रही पानी की समस्या, सुबह होते ही शुरू हो जाती है जद्दोजहद

मुंगेर. पानी इंसान की जिंदगी और मौत से जुड़ा हुआ है. प्रशासन भी पानी की जरूरत पूरा करने के लिए पानी की तरह रुपये बहा रही है. लेकिन करोड़ों खर्च होने के बावजूद मुंगेर शहरवासियों की पानी की समस्या दूर नहीं हो पायी है. सुबह होते ही लोग बल्टी, गैलन, जार लेकर पानी लाने सार्वजनिक प्याउ पर पहुंच जाते हैं. शहर में अमृत योजना के तहत पेयजलापूर्ति व्यवस्था को बहाल करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन शहर के आधे घरों में भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इधर पीएचईडी ने वर्षों से पुरानी पाइप लाइन और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर करोड़ खर्च कर मरहम पट्टी लगा कर पानी की जैसे-तैसे सप्लाई करने से निजात पा लिया. क्योंकि फरवरी 2025 में विभागीय निर्देश पर पीएचईडी ने वर्षों पुरानी जर्जर पेयजलापूर्ति योजना को नगर निगम को हैंडओवर कर दिया.

पीएचईडी की ओर से मुंगेर नगर निगम के 45 वार्ड में से 13 वार्ड में अपनी पुरानी व्यवस्था के माध्यम से पानी की सप्लाई कष्टहरणी, नीलम चौक और अस्पताल के समीप बने जलमीनार के माध्यम से की जाती थी. जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है. बताया जाता है कि जिंदल कंपनी के ब्लैकलिस्टेट होने के बाद कस्तूरबा वाटर वर्क्स में बना 13 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पीएचईडी के अधीन हो गया. जहां गंगा में लगे जेट्टी के माध्यम से पानी खींच कर लाया जाता था और तीनों जलमीनार के माध्यम से पानी की सप्लाई 13 वार्ड में किया जाता था. 29 किलोमीटर पाइप लाइन का एरिया इसके अधीन था. 200 स्टैंड पोस्ट भी पीएचईडी शहर में लगा रहा था. लेकिन जर्जर और ध्वस्त हो चुकी पेयजलापूर्ति योजना पीएचईडी से छीन ली गयी. इसे लेकर मुख्यालय स्तर पर नगर विकास एवं आवास विभाग तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव के बीच प्रशासन के निर्देश पर बैठक हुई और 7 फरवरी 2025 को जिस हालत में योजना थी उसी हालत में पीएचईडी ने नगर निगम को हैंडओवर कर दिया.

पीएचईडी ने 22 करोड़ का किया था स्टीमेट तैयार

पीएचईडी ने निगम क्षेत्र के 13 वार्डों में पेयजलापूर्ति व्यवस्था को बहाल करने के लिए इसके जीर्णोद्धार को लेकर योजना बनायी थी. 22 करोड़ रुपये का स्टीमेट बना कर विभाग को सौंपा था. लेकिन इस पर बात नहीं बनी और पुरानी पाइप लाइन, जलमीनार और डब्ल्यूटीपी का काम नहीं हो पाया. इसके कारण पुरानी पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति सुनश्चित नहीं हो पायी. अब नगर निगम ने इस जर्जर और ध्वस्त हो चुकी पेयजलापूर्ति योजना को सही करने के लिए स्टीमेट बना कर विभाग को भेजा है, लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है.

नयी पेयजलापूर्ति योजना भी नहीं बुझा पा रही प्यास

मुंगेर शहर को अमृत योजना में शामिल करते हुए नयी शहरी पेयजलापूर्ति योजना प्रारंभ की गयी. बुडको और एजेंसी का दावा है कि शहर के 45 वार्ड में तीन-चार वार्डों को छोड़ कर लगभग 39 हजार घरों में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गयी है. लेकिन हकीकत यह है कि 15 हजार घरों में भी पानी नहीं पहुंच रहा है. हर दिन हर वार्ड से लोग शिकायत कर रहे हैं उसके यहां कनेक्शन नहीं है तो कनेक्शन वाले शिकायत कर रहे है उनके घर पानी नहीं आ रहा है. ऐसी परिस्थिति में पुरानी और नयी दोनों व्यवस्था शहरवासियों का प्यास नहीं बुझा पा रहे है.

कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त कुमार अभिषेक ने बताया कि पीएचईडी ने फरवरी में पुरानी पेयजलापूर्ति योजना को नगर निगम मुंगेर को हैंडओवर कर दिया. निगम प्रशासन के अनुरोध में डीएम के माध्यम से इसका डीपीआर तैयार करने के लिए बुडको एमडी को पत्र भेजा गया है. शीघ्र ही डीपीआर तैयार करने के लिए बुडको टीम आयेगी.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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