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मुनिराज विशल्य सागर जी महाराज पद यात्रा के दौरान पहुंचे लखीसराय

लखीसराय. जैन धर्म मुनिराज विसलय सागर जी महाराज शनिवार को लखीसराय पहुंचे. बड़हिया रोड स्थित धर्म कांटा के प्रांगण में उन्हें मारवाड़ी समाज के लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया. शरीर पर एक कपड़े के रेशे बिना वे ईश्वर के ध्यानार्थ दिखे. उनके शिष्य एवं शिष्या उनके सेवा में लगे रहे. अहिंसा परमो धर्म के साथ-साथ पूज्य मुनि की बौद्धिक सूझबूझ आध्यात्मिक बहुजन हिताय बहुजन सुखाय है. पूज्य मुनि का शहर के मारवाड़ी समाज के लोगों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया सुबह 10 बजे पूज्य मुनि जी महाराज लखीसराय के बड़हिया रोड पहुंचकर अपने भक्तों से मिलकर बातचीत की जिसके बाद वे अल्प आहार के लिए बैठे. अल्प आहार पर बैठने के पूर्व उनके शिष्य एवं शिष्यों के द्वारा उन्हें नमन कर अल्प आहार के लिए उनके परिक्रमा कर आमंत्रित को लेकर दोहा पढ़ा पूज्य मुनि विशल्य सागर महाराज जी कटिहार के बारसोई से पद यात्रा करते हुए पटना पहुंचेंगे. जिसके बाद वे अपने आगे की यात्रा करेंगे. उनके द्वारा मोटिवेशनल बुक खुशियों की छाया में उन्होंने उल्लेख किया है कि परिवर्तन प्रकृति का अखंड नियम है जो आज है वह कल नहीं रहता है और जो कल वह कल वह आज नहीं रहता है. जो परिवर्तन पेड़ पौधे, ऋतुओं फूलों के साथ होता है, वैसी ही व्यवस्था हमारे साथ है. जैसे हम उन फूल पत्ती ऋतु और मौसम को स्वीकार करते है. वैसे जीवन में होने वाली परिवर्तनों को हमें भी सहजता से स्वीकार कर लेना चाहिए. प्रसन्न रहने की कला के बारे में उन्होंने बताया कि जिस तरह हलवाई अपनी दुकान के सभी मिठाइयों को अच्छा बताते हैं. उसी तरह जिंदगी में जो मिल रहा है. इसमें कैसा गिला, कैसी शिकायत. दुखी वही है जो चाहते है पसंद करते हैं वह नहीं मिलता है. प्रसन्न रहने की कला तो उसमें है जो मिल रहा है उसे ही पसंद करना शुरू कर दो. आगे कहते है समाज में वह स्थान बनाना चाहिए कि लोग समाज हमें अगली पंक्ति में बिठाये. उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं ज्यों ज्यों पैसा बढ़ता है, शिक्षा और ज्ञान बढ़ता है त्यों त्यों हमारा घमंड भी बढ़ते चला जाता है, लेकिन घमंडी के पीछे उनकी इज्जत दो कौड़ी की होती है. घमंडी खजूर की पेड़ की तरह होती है जो इतना ऊंचा होता है कि हर कोई से उसका फल पहुंच से बाहर होता है. पूज्य मुनि जी अपनी पद यात्रा के दौरान बड़हिया पचमहला, मरांची, बाढ़ बख्तियारपुर होते पटना पहुंचेंगे. इस दौरान मुनिराज विसलय सागर जी, महाराज निर्मल जैन जी ने जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र को दुपट्टा देकर सम्मानित किया. मौके पर उपस्थित दीपक सिंह, राजेश हरितवाल, संजय बंका, मनोज ड्रोलिया, अशोक राजगढ़िया, प्रसोतम छापड़िया, चुन्नू भा॓ई, राजेश गुप्ता, बिक्की सरमा, संजीव कुमार, अनिल शर्मा को आशीर्वाद मिला.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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