उपविकास आयुक्त ने सौंपा नियुक्ति पत्रगुमला. गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड रांची से प्राप्त निर्देश के आलोक में उग्रवादी हिंसा में मृत सैप जवान भूषण तिर्की की आश्रिता पुत्री सीमा रानी को अनुकंपा के आधार पर उनके शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय वर्ग के पद पर नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके तहत मंगलवार को उप विकास आयुक्त दिलमेश्वर महतो ने अपने कार्यालय कक्ष में सीमा तिर्की को अपने हाथों से नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया. आश्रिता को डुमरी कार्यालय में पदस्थापित करते हुए उनकी नियुक्ति की गयी. साथ ही उन्हें प्रशासन द्वारा निर्धारित वेतन भत्ता के अतिरिक्त समय-समय पर स्वीकृत जीवन यापन भत्ता समेत अन्य भत्ते भी देय होंगे.
ज्ञापन सौंप समस्याओं का निराकरण करने की मांग
गुमला. अखिल हिंदुस्तानीय सफाई मजदूर संघ गुमला के जिलाध्यक्ष जयपाल महली ने डीसी को ज्ञापन सौंप कर सदर अस्पताल गुमला में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है. ज्ञापन में कहा है कि सदर अस्पताल गुमला में स्नेहा एजेंसी द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मियों को कार्य पर रखा गया है. किंतु उक्त कर्मियों को स्नेहा एजेंसी द्वारा भयादोहन के साथ शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. इस कारण कार्यरत कर्मी काफी डरे-सहमे रहते हैं. उन्होंने कहा है कि इस कारण आउटसोर्सिंग कर्मियों का गुस्सा कभी फूट सकता है. ज्ञापन में उन्होंने आठ समस्याओं को डीसी को अवगत कराया है, जिसमें सदर अस्पताल गुमला में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों को प्रतिमाह की पांच तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाये. कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं होने से कर्मियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. सभी कार्यरत कर्मियों को लैब, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे की नि:शुल्क जांच की जाये, इमरजेंसी अवकाश में रहने पर वेतन की कटौती नहीं की जाये, सभी कार्यरत कर्मियों को पीएफ की सुविधा प्रदान की जाये, स्नेहा एजेंसी के सुपरवाइजर द्वारा ड्यूटी शुरू होने के पूर्व आठ बजे के पूर्व उपस्थिति पंजी को एक घंटा पूर्व में हटा दिया जाता है और जबरदस्ती कर्मियों को अनुपस्थित दिखा कर उस तिथि का वेतन काट दिया जाता है. एजेंसी द्वारा समुचित मात्रा में मास्क, ग्लब्स, हैंडवाश, जूता आदि की आपूर्ति नहीं किया जाता है. इस कारण अस्पताल परिसर की साफ-सफाई अच्छी तरह से नहीं हो पाती है. स्नेहा एजेंसी ने कर्मियों को मासिक भुगतान 10 हजार, 662 रुपये की जा रही है. जबकि श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मजदूरी दर 505.21 होने के बावजूद उस दर पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. एजेंसी द्वारा कार्यरत कर्मियों को भयादोहन कर कार्य से हटाने की धमकी लगातार दी जा रही है.
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